उन्नाव के ब्रम्ह नगर निवासी पत्रकार हत्याकांड के आरोपी कन्हैया अवस्थी की 12 दिन पहले इलाज के दौरान लखनऊ में मौत हो गई थी। कन्हैया की मौत के बाद अदालत ने मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए उनकी पत्नी दिव्या अवस्थी को 15 दिन की पेरोल दी है, जबकि छोटे भाई राघवेन्द्र अवस्थी को 12 घंटे की मोहलत दी गई है, ताकि वह अपने भाई के तेरहवीं संस्कार में शामिल हो सकें। पत्रकार शुभम मणि की हत्या में दिव्या अवस्थी, उनके पति कन्हैया अवस्थी और छोटे भाई राघवेन्द्र अवस्थी समेत एक दर्जन लोगों को आरोपी बनाया गया था। इस हत्या के बाद कन्हैया अवस्थी को उन्नाव जेल में बंद किया गया था। 6 दिसंबर को कन्हैया की हालत अचानक बिगड़ी और उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजा गया था। वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई, जिससे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। दिव्या को दी गई 15 दिन की पेरोल कन्हैया की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी दिव्या अवस्थी को उनके पति के अंतिम संस्कार और शोक-समारोह के लिए पहले एक दिन की पेरोल दी गई थी। इसके बाद, अदालत ने दिव्या को 15 दिन की पेरोल दी ताकि वह इस कठिन समय में अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ समय बिता सकें। कन्हैया के छोटे भाई राघवेन्द्र अवस्थी को उनके भाई के तेरहवीं संस्कार और शांति पाठ में शामिल होने के लिए 12 घंटे की मोहलत दी गई। राघवेन्द्र को सुबह दस बजे से लेकर रात दस बजे तक के लिए पेरोल पर रिहा किया गया। 1 जनवरी तक दिव्या को पेरोल दिव्या अवस्थी को उच्च न्यायालय द्वारा मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए 1 जनवरी तक की पेरोल दी गई। यह पेरोल उनके न्यायिक प्रक्रिया में समर्पण और परिवार के प्रति उनके भावनात्मक जुड़ाव को भी दर्शाती है। अब वह अपने परिवार के साथ समय बिता सकेंगी।