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इटावा में रेप के आरोपी को 10 साल की सजा:नाबालिग से दुष्कर्म का था आरोप, पॉक्सो एक्ट से मां-बेटे दोषमुक्त, 30 हजार जुर्माना

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विशेष न्यायाधीश ट्राइंग रेप केसेज और पॉक्सो एक्ट राखी चौहान की अदालत ने नौ साल पुराने दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 साल का कारावास और ₹30,000 का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न चुकाने पर दोषी को एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। मामले में पॉक्सो एक्ट के आरोप से आरोपी और उसकी मां को बरी कर दिया गया। भरथना क्षेत्र के एक गांव में 12 अक्टूबर 2015 को 16 वर्षीय किशोरी घर से बाजार जाने के लिए निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। परिजनों ने खोजबीन शुरू की। गांव की दो महिलाओं ने बताया कि उन्होंने किशोरी को बाजार में सब्जी मंडी के पास राहुल पुत्र अनिल कुमार, निवासी पूठ की मडैया की बाइक पर जाते हुए देखा था। दूसरी बाइक पर राहुल की मां रेशमा भी सवार थी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने राहुल और रेशमा के खिलाफ किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला दर्ज किया। पुलिस ने जांच के दौरान किशोरी को बरामद कर लिया और राहुल व रेशमा को गिरफ्तार किया। जांच के बाद दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ी गईं। साक्ष्यों के आधार पर फैसला
सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता आशीष तिवारी ने मामले की पैरवी की। अदालत में पेश साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर राहुल को लड़की को भगाने और दुष्कर्म का दोषी पाया गया। हालांकि, पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप साबित नहीं हो सके। जुर्माना न देने पर होगी अतिरिक्त सजा
अदालत ने राहुल को 10 वर्ष का कारावास और ₹30,000 के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न अदा करने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं, अदालत ने राहुल और उसकी मां रेशमा को पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।

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