राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन्नाव द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। आज होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के संदर्भ में आयोजित की गई, जिसमें वादों के अधिक से अधिक निस्तारण सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाणी रंजन अग्रवाल ने की, जबकि अपर जिला जज/सचिव मनीष निगम ने बैठक का संचालन किया। बैठक के दौरान राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के उद्देश्य और इसकी महत्वपूर्णता पर विस्तृत चर्चा की गई। जनपद न्यायाधीश वाणी रंजन अग्रवाल ने बताया कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य विवादों का सुलह समझौते के माध्यम से निस्तारण कराना है, ताकि लोगों को लंबी कानूनी प्रक्रियाओं से बचाकर त्वरित न्याय प्रदान किया जा सके। लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के वादों का निस्तारण किया जाता है, जैसे कि उत्तराधिकार से संबंधित सिविल वाद, राजस्व वाद, श्रम वाद, भूमि अधिग्रहण, आपदा राहत, आयकर वाद, यातायात चालान, बैंक ऋण वसूली, प्री-लिटिगेशन वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, पारिवारिक व वैवाहिक मामले, नगर निगम/नगर पालिका से संबंधित मामले, उपभोक्ता फोरम वाद, विद्युत व जल कर संबंधित मामले और शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामले। सचिव मनीष निगम ने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से इन सभी मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा, जिससे आम जनमानस को सस्ता और सुलभ न्याय प्राप्त होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि दीवानी न्यायालय उन्नाव के लगभग 5141 वाद, परिवार न्यायालय के लगभग 40 वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के लगभग 64 वाद, स्थायी लोक अदालत के 08 वाद, बिजली विभाग के लगभग 18483 वाद, बैंक, बी.एस.एन.एल व फाइनेंस कम्पनी के लगभग 2002 वाद, तथा राजस्व से संबंधित लगभग 506090 वाद चिन्हित किए गए हैं, जिनका निस्तारण आज राष्ट्रीय लोक अदालत में किया जाएगा। बैठक में समस्त उपस्थित पदाधिकारियों से अपील की गई कि वे लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने के लिए अपना योगदान दें और अधिक से अधिक वादों का निस्तारण सुनिश्चित करें। प्रभारी सम्मन सेल को अधिक से अधिक नोटिसों की तामील करने के निर्देश दिए गए थे ताकि लोक अदालत में अधिक से अधिक मामले निस्तारित किए जा सकें।