लखनऊ हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के समय पाया की एलडीए के प्रापर्टी रजिस्टार में बहुत ही हेरा फेरी है। प्रॉपर्टी फ्रॉड के इस मामले में न्यायालय ने निदेशक, विजिलेंस को हेराफेरी शामिल एलडीए अधिकारियों के जांच का आदेश दिया है। न्यायालय ने अपने इस आदेश की प्रति अपर मुख्य सचिव, नगर विकास व निदेशक, विजिलेंस (स्थापना) को भी भेजने के आदेश दिए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने मामले के एक अभियुक्त रंजीत यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई के उसे मंजूर करते हुए पारित किया। अभियुक्त की ओर से उपस्थित अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने न्यायालय को बताया की मामले में गोमती नगर विस्तार थाने में 14 दिसम्बर 2021 को एफआईआर लिखाई गई थी। प्लाट दिखाकर बैनामा कराने की बात कही
एफआईआर के जरिए वादी प्रकाश चंद्र उत्प्रेती ने आरोप लगाया की उसे एलडीए का एक प्लाट दिखाकर नामजद अभियुक्तों ने उसका बैनामा कराने की बात कही, लेकिन जब वादी ने जमीन के कागज को देखने के लिए अभियुक्त से कहा तो अभियुक्तों ने एलडीए के बाबू मुसाफिर सिंह से उसकी मुलाकात कराई। जिसके बाद मुसाफिर सिंह ने वादी को सम्बंधित भूखंड का आवंटन पत्र, कब्जा पत्र तथा एलडीए द्वारा निष्पादित बैनामे की प्रति दिखाई। जिसे देखने के बाद वादी को विश्वास हो गया और फिर अभियुक्त संतोष कुमार यादव ने वादी के पक्ष में 70 लाख रुपए के बदले में बैनामा कर दिया। न्यायालय ने एलडीए का प्रॉपर्टी रजिस्टर तलब किया
बैनामे के बाद जब वादी उक्त प्लॉट पर गया तो पता चला कि प्लॉट विवादित है और एलडीए ने किसी को भी उक्त प्लॉट आवंटित नहीं किया है। मामले में सुनवाई के बाद जब न्यायालय ने एलडीए का प्रॉपर्टी रजिस्टर तलब किया तो पता चला कि इस रजिस्टर में पुष्पा श्रीवास्तव के पक्ष में एलडीए द्वारा बैनामा किए जाने का उल्लेख है जिस पर एलडीए के तमाम अधिकारियों के हस्ताक्षर भी हैं लेकिन निबंधक के कार्यालय में जांच करने पर पाया गया कि ऐसा कोई बैनामा कभी हुआ ही नहीं। 70 लाख रुपए की कथित धोखाधड़ी
अभियुक्त रंजीत यादव की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया की एलडीए के अधिकारियों जिनकी 70 लाख रुपए की कथित धोखाधड़ी में मुख्य भूमिका है। उन्हें बचाकर, जांच अधिकारी ने रंजीत को फंसा दिया जबकि उस पर सिर्फ धमकी देने का आरोप है। सभी पक्षों की बहस के बाद न्यायालय ने रंजीत यादव को जमानत दे दी लेकिन विजिलेंस को विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।