जनपद में कड़ाके की ठंड के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ठंड में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे लोगों की दिनचर्या पर गहरा असर पड़ रहा है। इस ठंड का असर इंसानों के साथ-साथ पशु-पक्षियों पर भी हो रहा है, जिन्हें भी ठंड से बचाव के उपायों की आवश्यकता हो रही है। किसान अपने पालतू मवेशियों के लिए ठंड से बचाव के उपाय करते नजर आ रहे हैं। बीते दो हफ्तों से ठंड का असर और अधिक बढ़ गया है, जिससे लोगों को अपने दैनिक कार्यों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर सुबह के समय कार्यालय, कॉलेज और कामकाजी स्थानों पर जाने में दिक्कत हो रही है। विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी भारी समस्या हो रही है। ठिठुरन इतनी बढ़ चुकी है कि लोग केवल अत्यावश्यक कार्यों के लिए ही घर से बाहर निकल रहे हैं। ठंड के प्रभाव से व्यावसायिक गतिविधियाँ भी प्रभावित शाम होते ही ठंड का असर और भी बढ़ जाता है, जो सुबह के 10 से 11 बजे तक बना रहता है। बाजारों में सन्नाटा छा जाता है, जहां पहले चहल-पहल और भीड़-भाड़ होती थी। खासकर बलरामपुर के मेन मार्केट में शाम होते ही सन्नाटा पसर जाता है, जो पहले दिन के समय में भीड़-भाड़ से भरा रहता था। सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी ठंड के चलते लोगों की सेहत पर भी असर पड़ रहा है। सर्दी और खांसी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। बलरामपुर जनपद के चिकित्सालय में सर्दी और खांसी के मरीजों की संख्या में 50% वृद्धि देखी जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर के अधीक्षक विकल्प मिश्रा का कहना है कि मौसम के बदलाव के कारण लोग सर्दी और खांसी का शिकार हो रहे हैं। खासकर बच्चों को ठंड से बचाने में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि ठंड का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ता है।