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कन्या गुरुकुल में 22 साल बाद बनी रसोई:अलीगढ़ के इगलास में छात्राओं को दी जाती है वैदिक शिक्षा, देश भर से आती हैं छात्राएं

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अलीगढ़ के इगलास में छात्राओं के लिए संचालित कन्या गुरुकुल को अब पक्की रसाई मिल गई है। जिससे यहां रहकर वैदिक शिक्षा हासिल करने वाली छात्राओं को अब परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। अभी तक यहां खुले में भोजन पकाया जाता था। यह गुरुकुल इगलास के गांव चमड़ में स्थित है, जहां देश भर से छात्राएं आती हैं। शहर से दूर ग्रामीण इलाके में बनाए गए गार्गी कन्या गुरुकुल में कक्षा 5 से लेकर बीए तक की कक्षाएं संचालित की जाती हैं। इसमें छात्राओं को वैदिक शिक्षा मिलती है। जिससे कि वह शिक्षा के साथ ही अपनी परंपराओं और रीति रिवाज के बारे में जान सकें। छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए यह गुरुकुल पिछले 22 सालों से संचालित है। 2002 में स्थापित हुआ था कन्या गुरुकुल कन्या गुरुकुल की स्थापना 22 साल पहले 2002 में की गई थी। यहां छात्राओं को स्कूली शिक्षा से लेकर ग्रेजुएशन तक की शिक्षा दी जाती है। यहां से पढ़ाई करने वाली कई छात्राएं अब तक धर्म प्रचारक, सरकारी शिक्षक, प्रोफेसर, एयर फोर्स और पुलिस विभाग में सेवाएं दे रही हैं। वैदिक शिक्षा लेने देश भर से आती हैं छात्राएं गुरुकुल का संचालन ट्रस्ट के जरिए किया जाता है और यहां पर देश भर से छात्राएं वैदिक शिक्षा हासिल करने के लिए आती हैं। इस ट्रस्ट की देखरेख 85 वर्षीय स्वामी केवलानंद सरस्वती व गुरुकुल के संस्थापक स्वामी चेतन देव के जरिए की जाती है। गुरुकुल की प्रबंधक डॉ मनु आर्या ने बताया कि उन्होंने भी इसी गुरुकुल से शिक्षा हासिल की है। इसके बाद उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पीएचडी की। वर्तमान में इस गुरुकुल में 40 छात्राएं शिक्षा हासिल कर रही हैं। अब तक सैकड़ों छात्राएं यहां से वैदिक शिक्षा ले चुकी हैं।

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