कानपुर जिला उर्सला अस्पताल (UHM) में कब्जेदारों ने वहीं से अपने जीवन यापन का जुगाड़ कर रखा है। अंदर ही अंदर घरों को मेंटेन करने के साथ ही उन्होंने अपने रोजगार को भी बना लिया है। इनको खाली कराने को लेकर किसी भी अधिकारी की हिम्मत नहीं होती है। यदि कोई अस्पताल का अधिकारी आगे आता है तो यहां के कब्जेदार मारपीट पर उतारु हो जाते हैं। घरों में खोल रखा है गोदाम उर्सला अस्पताल के कब्जेदारों ने अपने घरों में गोदाम तक खोल रखा है। किसी ने बिजली की दुकान तो किसी ने परचून की दुकान खोलकर अपना घर चला रहे हैं। अस्पताल की खुलेआम बिजली चोरी करके अपना घर में रोशनी कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो यहां पर रहने वाले कब्जेदारों पर सफेद पोश वालों का हाथ रहता है। इस कारण यहां पर कोई भी अधिकारी इन लोगों पर सख्ती नहीं दिखा पाता है। यदि कोई सख्ती दिखाता है तो उसे विरोध का सामना करना पड़ता है। पुलिस ने दी जल्द खाली करने की चेतावनी जब भी कभी अस्पताल परिसर में कोई कांड हो जाता है, इसके बाद पुलिस सख्त रुख अपनाती है। पिछले हफ्ते उर्सला के आईसीयू के पीछे वाले गेट में हर्ष फायरिंग के दौरान गोली लग गई थी। इसके बाद बीते शुक्रवार को पुलिस की टीम वहां पहुंची और लोगों को दस दिन के अंदर खाली कराने के आदेश दिए है। अब देखना ये है कि इस बार पुलिस इन लोगों से मकान खाली करा पाएगी या नहीं। 76 मकानों में हो चुका कब्जा उर्सला में 76 मकान ऐसे है जिसमें लोगों ने कब्जा कर रखा है। ये कब्जा करने वाले कोई बाहरी नहीं बल्कि परिसर में काम करने वाले लोग ही है, जोकि पहले अस्पताल में काम करते थे। उस दौरान उन्हें रहने के लिए जगह दी गई थी। इसके बाद धीरे-धीरे उनका परिवार यहां आकर बस गया और फिर सेवानिवृत्त होने के बाद वहां पर कब्जा करके रहने लगे। अब यहां पर अंदर ही अंदर एक ऐसी यूनियन बनकर तैयार हो गई है जो आवाज उठाने पर एक हो जाती है और हंगामा करने लगती हैं। 17 दिसंबर की रात हुई थी फायरिंग
अस्पताल के आईसीयू के पीछे 17 दिसंबर की रात एक शादी समारोह था। यहां पर दुल्हे ने ही अवैध असलहे से फायरिंग कर दी थी। गोली आईसीयू के गेट पर जाकर लगी थी। ये तो कही गोली किसी स्टाफ या मरीज को नहीं लगी, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता है। चिकित्सक अधीक्षक शैलेंद्र तिवारी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और दुल्हे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने कब्जा खाली कराने के लिए सख्त रुख अपनाया है। माना जा रहा है कि इस बार कोई सफेद पोश सामने नहीं आया तो इन लोगों को कब्जा खाली करना पड़ेगा।