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कानपुर में केस डायरी गायब होने पर दरोगा पर FIR:बिधनू थाने का मामला, जांच पूरी होने में लगे 11 साल

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कानपुर के बिधनू थाने से 11 साल पहले रोड एक्सीडेंट की केस डायरी गायब होने के मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर दरोगा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मौजूदा समय में आरोपी दरोगा कानपुर देहात जिले की अकबरपुर जेल कोतवाली चौकी प्रभारी पद पर कार्यरत है। मामले की जांच सहायक पुलिस निरीक्षक को सौंपी गई है। 11 साल में पूरी हो सकी केस डायरी गायब होने की जांच वर्ष 2013 में एक मार्ग दुर्घटना में युवक की मौत हुई थी। मामले की जांच कर रहे तत्कालीन दरोगा डीएन पांडेय ने 2014 में अंतिम रिपोर्ट प्रेषित की थी। तत्कालीन सीओ जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुए और अग्रिम विवेचना का आदेश दिया था। इसके बाद क्षेत्राधिकारी कार्यालय से मुकदमे की 43 पेज की केश डायरी को फिर से 21 जनवरी 2014 को बिधनू कार्यालय भेज दिया गया था। जुलाई 2023 को पेशी के दौरान केश डायरी उपलब्ध न कराते हुए गायब होने की जानकारी दी गई। जिसपर 22 अगस्त 2023 को एसीपी बाबूपुरवा को केश डायरी गायब होने की जांच सौंपी गई थी। एसीपी ने मामले में 26 फरवरी 2024 को जांच रिपोर्ट सबमिट की थी। जांच में सामने आया कि 24 जनवरी 2014 को क्षेत्राधिकारी कार्यालय से आरक्षी योगेश कुमार को केश डायरी प्राप्त कराई गई। जिसे योगेश कुमार ने उसी दिन रात 8 बजकर 15 मिनट पर बिधनू कार्यालय में मुंशी चंद्रपाल सिंह को सुपुर्द की गई। जिसे चंद्रपाल ने तत्कलीन हेड मुहर्रिर मथुरा प्रसाद को सुपुर्द कराई गई। जांच में वर्तमान समय अकबरपुर कोतवाली जेल चौकी प्रभारी मथुरा प्रसाद ने फिर से केश डायरी दारोगा डीएन पांडेय को देने का मौखिम बयान दिया। जिनका सेवानिवृत हो चुके डीएन पांडेय को तैनाती के दौरान केश डायरी प्राप्त होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला। जिसके बाद मामले में मंगलवार को पुलिस कमिश्नर के आदेश पर बिधनू थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह की तहरीर पर दारोगा मथुरा प्रसाद के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसकी विवेचना सहायक निरीक्षक राजेश पुनिया को सौंपी गई।

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