‘कई बार खुले नालों को ढक्कन के लिए पार्षद से शिकायत की, लेकिन किसी ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया। आज जब हमारी भतीजी गिर गई तो यहां अधिकारी आकर खानापूर्ति करके चले गए। यहां देखे तो तमाम नाले खुले पड़े हैं।’ ये कहना है ग्वालटोली में नाले में गिरकर मरने वाली मासूम रागनी की बुआ मंजू सिंह का। कानपुर के ग्वालटोली थाना क्षेत्र के सब्जी मंडी में मंगलवार को खेलते समय नाले में गिरकर 5 साल की रागनी की मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक बच्ची के परिवार वालों और क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। हादसे के बाद अपर नगर आयुक्त आवेश प्रथम खान मौके पर पहुंचे और खानापूर्ति करके चले आए। बच्चों का झांकता देखा तो पहुंची मौके पर आरती ने बताया कि 2021 में बड़े भाई दिव्यांग लाल बहादुर की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। 9 माह पूर्व ही भाभी की भी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद से उनके चार बेटों और चार बेटियों का पालन पोषण हम लोग कर रहे हैं। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे पांच वर्षीय भतीजी रागिनी सात वर्षीय मानसिक बीमार भतीजे देवा और दो वर्षीय भतीजी आरुषि के साथ घर के सामने स्थित सीसामऊ नाले पर खेल रही थी। तभी एक जगह फर्श टूटी होने के कारण रागिनी नाले में गिर पड़ी। देवा और आरुषि नाले में झांक रहे थे। उनको देखकर मैं मौके पर पहुंची तो देखा कि वहां पर रागनी नहीं है। इसके काफी पूछने पर देवा ने बताया कि रागनी इसके अंदर है, तब घटना की जानकारी हुई। जगह-जगह खुले नाले दे रहे मौत को दावत क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि यहां पर जगह-जगह नाले खुले पड़े हैं। किसी ने प्लाई डालकर उसे बंदकर रखा है तो किसी ने बड़ा सा पत्थर लगा दिया है। आज जब घटना हुई तो अधिकारी मौके पर आए और देखकर वापस चले गए। पत्थर डालकर बंद किया नाला अपर नगर आयुक्त ने मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद सिर्फ उसी नाले को बंद किया गया जहां पर बच्ची गिरी थी। इसके अलावा आसपास के सभी नाले खुले पड़े हैं। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश देखने को मिला। रागनी की बुआ आरती ने कहा कि यहां पर कई जगहों पर इसी तरह से नाले खुले है। यदि कोई बड़ा आदमी भी गिर जाए तो वो भी नहीं बच सकता है।