महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों ने कुलपति कार्यालय के बाहर अपना अनिश्चितकालीन विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों का कहना है कि हम लोग पिछले कई दिनों से अपने 11 सूत्री मांगों को लेकर बात कर रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय के कुलपति हमारी बातों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 5 छात्रावास है लेकिन आज तक उसमें मेंस की शुरुआत नहीं हो सकी है। छात्रों ने कहा सम्पूर्णानंद छात्रावास में PAC कंपनी रह रही है। हमारी मांग है कि पीएसी को बाहर किया जाए और शोधार्थियों को फुल स्ट्रेंथ में रूम एलाट कराया जाए। छात्रों ने इसके अलावा हॉस्टल आवंटन को ऑनलाइन करने साथ ही कंडोलेंस होने पर भी लाइब्रेरी खोले,समय पर रिजर्ट घोषित करने सहित 11 मांगों को विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखा। हॉस्टल का फार्म ऑफलाइन भरा जाए छात्रों ने कहा- काशी विद्यापीठ में हॉस्टल आवंटन का फ़ार्म आया था और 15 दिसंबर उसकी लास्ट डेट थी। ऐसे में उसे बढ़ाया जाए और उसे ऑफलाइन किया जाए क्योंकि ऑनलाइन में काफी दिक्कतें हैं। पोर्टल सही से काम नहीं कर रहा और पुराने छात्रों को वरीयता भी नहीं मिल रही। साथ ही नए छात्रों का भर नहीं रहा है। इन सब विसंगतियों से छुटकारा दिलाया जाए। बदली जाए विश्वविद्यालय की परीक्षा फल बनाने वाले एजेंसी छात्रों ने कहा- विश्वविद्यालय के ज्यादातर परीक्षा परिणामों में त्रुटियां देखने को मिली हैं। ऐसे में जल्द से जल्द उनके परीक्षा परिणाम को सही करने की आवश्यकता है। साथ ही ऐसी कंपनी जो लगातार त्रुटियां कर रही है। उसे बदला जाए और ब्लैक लिस्टेड किया जाए। साथ उन्होंने लाइब्रेरी को हर समय खोलने की बात कही। बोले की- लाइब्रेरी कंडोलेंस होने पर बंद कर दी जाती है। ऐसे में उसे खोला जाए। आइए अब जानते हैं छात्रों ने क्या कहा…