चित्रकूट विधानसभा के तृतीय सत्र के प्रथम गुरुवार को किसानों की परेशानियों और जिले के विकास के मुद्दों पर जमकर चर्चा हुई। सदर विधायक अनिल प्रधान ने कृषि मंत्री से डीजल और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों पर तीखे सवाल पूछे। उन्होंने मांग की कि किसानों को सस्ते डीजल और खाद पर 50% तक की सब्सिडी दी जाए। “किसान संकट में, सरकार विफल” विधायक प्रधान ने सदन में कहा कि प्रदेश का किसान संकट में है। उन्होंने अन्ना पशुओं, खाद की किल्लत, और बिजली आपूर्ति को लेकर सरकार पर निशाना साधा। “किसानों को खाद के लिए घंटों कतार में खड़ा होना पड़ता है, लेकिन उन्हें लाठियां मिलती हैं,” उन्होंने कहा। विधायक ने सहकारी समितियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार का यह नियम कि किसान किसी भी सोसाइटी से खाद ले सकते हैं, व्यावहारिक नहीं है। स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव चित्रकूट जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर विधायक ने कहा कि 200 बेड के मातृत्व एवं शिशु चिकित्सालय का निर्माण तो हो गया है, लेकिन डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी से मरीजों को भारी दिक्कतें हो रही हैं। जिला चिकित्सालय में एकमात्र महिला रोग विशेषज्ञ होने से प्रसव संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। विकास कार्यों की मांग विधायक ने रोजगार सृजन के लिए बंद पड़ी बरगढ़ ग्लास फैक्ट्री को दोबारा शुरू कराने और शिवरामपुर से ओरन-बबेरू तक 20 किलोमीटर लंबी टू-लेन सड़क बनाने की मांग की। इसके अलावा, ग्राम पंचायत उन्नाय बन्ना मजरा बघवारा में विद्युतीकरण की भी याचिका पेश की। मंत्री का जवाब और विपक्ष के सवाल कृषि मंत्री ने जवाब में कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी जा रही है। लेकिन विधायक ने निजीकरण के दौर में इसकी गारंटी पर सवाल उठाया। विधायक की बातों से सदन में हलचल मच गई। उन्होंने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों और जनता की समस्याओं का समाधान कब होगा, यह बड़ा सवाल है।