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गंगा और पांडु नदी में गिरने वाले नाले होंगे शुद्ध:अनटैप्ड नालों पर किया जाएगा बायोरेमिडिएशन; पांडु नदी में गिरने वाले नालों की जांच

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गंगा और पांडु नदी में गिर रहे अनटैप्ड नालों में हर हाल में जैविक विधि से शोधन (बायोरेमिडिएशन) करना होगा। महाकुंभ मेला 2025 के शुरू होने से पहले उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और नगर निगम संयुक्त मिलकर अनटैप्ड नालों की जांच करेंगे, और इसकी रिपोर्ट शासन स्तर तक भेजेंगे। नालों से गिर रहे पानी की जांच
यूपीपीसीबी ने नालों से गिर रहे पानी की जांच करने के लिये नगर निगम अधिकारियों को नामित करने के लिये कहा है। दोनों ही विभाग मिलकर टैप्ड होने के बाद भी ओवरफ्लो होकर गंगा में गिर रहे नालों का भी औचक निरीक्षण करेंगे, ताकि गंगा को दूषित होने से बचाया जा सके। महाकुंभ को लेकर की जा रही तैयारी
प्रयागराज में आयोजित होने वाले ‘महाकुम्भ मेला जनवरी और फरवरी 2025 तक चलेगा। इस दौरान गंगा नदी के जल की अपेक्षित शुद्धता बनाई रखने के शासन ने निर्देश दिये हैं। कानपुर में इसके बावजूद नालों का सीवेज गंगा नदी और सहायक पांडु नदी में जा रहा है। कई मौकों पर यूपीपीसीबी ने इसको पकड़ा है। 6 अनटैप्ड नाले गंगा में गिर रहे
यूपीपीसीबी के अनुसार कानपुर नगर में 6 अनटैप्ड सीवेज नाले रानीघाट नाला, गोलाघाट नाला, सत्तीचौरा नाला, डबका नाला, मदारपुर नाला, किशनपुर नाला व आशिक टैप्ड और ओवरफ्लो 2 नाले परमिया, गुप्तारघाट नाला गंगा नदी में सीधे मिल रहा है। इसके साथ ही गंगा नदी की सहायक पांडु नदी में 3 अनटैप्ड सीवेज नाले ‘पिपौरी नाला, अर्रा नाला, सागरपुरी नाला व आशिक टैप्ड व ओवरफ्लो 03 नाले ‘हलवाखण्डा नाला, पनकी थर्मल नाला, गन्दा नाला गिर रहा है। सभी नालों पर होगा बायोरेमिडियेशन
शासन ने सभी नालों में बायोरेमिडियेशन का कार्य करने के निर्देश दिये हैं। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि बायोरेमिडियेशन का कार्य हर हाल में शुरू होना है, जहां बायोरेमिडियेशन हो रहा है वहां जांचने की जरूरत है कि नियमानुसार जैविक विधि का पालन हो रहा है कि नहीं। पहले और बाद में लिये जाएंगे नमूने
नालों में हो रहे बायोरेमिडियेशन (जैविक शोधन) कार्य की जैविक उपचार से पहले व बाद में जल नमूना टीम एकत्र करेगी। ताकि पता चल सके कि बायोरेमिडियेशन के पहले और बाद में पानी में क्या अंतर आ रहा है। बता दें कि नगर निगम की कार्यदायी संस्था के द्वारा जैविक शोधन कार्य में लगातार लापरवाही बरती जा रही है, जिससे गंगा नदी दूषित हो रही है। मामले में अधिकारी का पक्ष पढ़िये…
मामले में यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि शासन के निर्देश पर जैविक शोधन का कार्य जरूरी है। नगर निगम को गंगा में गिर रहे अनटैप्ड नालों के पानी की जांच के लिये अधिकारी नामित करने को पत्र लिखा है। जल्द निरीक्षण कर पानी के नमूने लिये जायेंगे, इसके बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जायेगी।

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