गर्भनिरोधक दवा के प्रयोग को लेकर अपने समाज में तमाम प्रकार की भ्रांतियां फैली है। ऐसे में महिलाएं अबॉर्शन करा लेती है जो कि उनके लिए कभी-कभी घातक भी साबित हो जाता है। ऐसे में महिलाओं को सबसे ज्यादा गर्भनिरोधक गोली छाया ज्यादा भाई है। यें बात कानपुर मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के प्रोफेसर की रिसर्च में सामने आई है। ये दवा ऐसी है जोकि महिलाओं में किसी भी प्रकार का बुरा असर नहीं डालती है, बल्कि ये महिलाओं के लिए सबसे आसान है। वहीं, अंतरा इंजेक्शन के प्रति महिलाओं ने कम रुचि दिखाई है। 400 महिलाओं में किया शोध
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. शैली अग्रवाल ने बताया कि ये शोध विभाग की कई डॉक्टरों ने मिलकर किया है। इसमें 400 महिलाओं को शामिल किया गया था। इनमें से हम लोगों ने 200 महिलाओं को छाया और 200 महिलाओं को अंतरा दिया। ये रिसर्च पूरे दो सालों तक चली। इसमें निकल कर सामने आया कि छाया का सेवन करने वाली महिलाओं ने इस पर ज्यादा रुचि दिखाई है, अंतरा इंजेक्शन के मुकाबले। इसके अलावा छाया टैबलेट सबसे ज्यादा महिलाओं के लिए सेव भी पाई गई है। स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी सेवन कर सकती है
छाया टैबलेट ऐसी है जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी दी जा सकती है। इस दवा से महिलाओं में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है, जबकि अन्य जो दवा होती है, उससे हार्मोन में कुछ न कुछ बदलाव देखने को मिलने लगते हैं। महिलाओं में दिखी जागरूकता की कमी
डॉ. शैली अग्रवाल ने बताया कि इस ओर महिलाओं की जागरूकता कम है। लोग कॉपरटी, माला डी, एन जैसी दवाइयों को लेने से डरती है। मगर हम लोगों ने यहां पर काउंसिलिंग कर महिलाओं को जागरूक किया और उनको इसके सेवन के बारे में बताया तो उन्होंने इसे अपनाया। डॉ. शैली ने बताया कि छाया का सेवन करने वाली 80 प्रतिशत महिलाओं ने इसे रेगुलर बेस में लिया। वहीं, अंतरा इंजेक्शन 60 प्रतिशत महिलाएं ने रेगुलर बेस में लिया। छाया का सेवन करने वाली 87 प्रतिशत महिलाओं में कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे। शेष महिलाओं में बहुत नॉर्मल साइड इफेक्ट दिखे। इसके अलावा अंतरा का इंजेक्शन लेने वाली 75 प्रतिशत महिलाओं में कोई साइड इफेक्ट नहीं मिले। अन्य में हल्के फुल्के दिखाई दिए। छाया सबसे सेफ बताई
डॉ. शैली अग्रवाल ने बताया कि इस शोध में विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू गुप्ता, डॉ. प्रतिमा वर्मा, डॉ. विनिका सहगल भी शामिल थी। ये छाया टैबलेट सबसे सेफ है, क्योंकि ये नॉन हार्मोनल है। ये दवा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध होती है।