गाजीपुर के देवकली ब्लॉक मुख्यालय से 8 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित बाबा चौमुख नाथ धाम में महाशिवरात्रि पर दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है। देवकली-शादियाबाद मार्ग पर स्थित धुवार्जुन गांव में यह प्राचीन मंदिर विशेष महत्व रखता है। मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यहां स्थापित शिवलिंग है, जिसका मुख चारों दिशाओं में है। इसी कारण से इसे बाबा चौमुख नाथ धाम के नाम से जाना जाता है। मंदिर के पास एक ताल है, जहां से खरारी नदी निकलती है। इस स्थान से जुड़ी एक रोचक कथा है। प्राचीन काल में यहां एक कबीर पंथी मठ था, जो आज भी मौजूद है। सैकड़ों वर्ष पहले एक साधु यहां गाय पालते थे। एक दिन गाय का दूध देना बंद हो गया। साधु जब गाय के पीछे जंगल में गए तो देखा कि गाय एक टीले पर खड़ी होकर अपने थन से दूध की धार बहा रही है। वहां खुदाई करने पर चार मुख वाला शिवलिंग मिला। मंदिर समिति के अध्यक्ष वेचन राय और पुजारी विरेंद्र गिरि के अनुसार, मंदिर के चारों तरफ विशाल द्वार बनाए गए हैं। मुख्य मार्ग से एक किलोमीटर दूर 50 फीट ऊंचा प्रवेश द्वार है, जिस पर शिव परिवार सहित पांच देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। मेला 26 और 27 फरवरी को आयोजित किया जाएगा।
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