गोरखपुर के गोरखनाथ क्षेत्र के जटेपुर दक्षिणी धर्मशाला बाजार के रहने वाले बरनार्ड पाल साइबर ठगों का शिकार हो गए। जालसाजों ने बैंक खाता खोलने का झांसा देकर उनके मोबाइल में APK फाइल डाउनलोड कराई और खाते से 8.44 लाख रुपये उड़ा लिए। वारदात का पता तब चला जब ठगों ने उनके नाम पर एक कार का इंश्योरेंस कराने की कोशिश की। मामले में साइबर थाने में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। कैसे हुई ठगी? बरनार्ड पाल वियना (ऑस्ट्रिया) में रहते हैं और कुछ दिन पहले ही गोरखपुर लौटे थे। उनके HDFC बैंक और AU स्माल फाइनेंस बैंक में एनआरआई खाते हैं। 11 दिसंबर 2024 को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को आरबीएल बैंक की मेडिकल कॉलेज शाखा का मैनेजर बताया और कहा कि बैंक में नया खाता खोला जा सकता है। बातचीत के दौरान ठग ने उन्हें एक ऑनलाइन फॉर्म भरने को कहा, जिसमें उन्होंने अपने अन्य बैंक खातों की जानकारी भी दे दी। इसके बाद जालसाज ने उनके मोबाइल पर एक APK फाइल डाउनलोड कराई, जिससे फोन का पूरा कंट्रोल ठगों के हाथ में चला गया। इसके बाद— • AU स्माल फाइनेंस बैंक से 7.60 लाख रुपये • HDFC बैंक से 84 हजार 290 रुपये रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी गई। इसके अलावा, ठगों ने एक मारुति कार का इंश्योरेंस कराने की भी कोशिश की। जब बरनार्ड पाल को इस संबंध में ई-मेल मिला, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। 22 जनवरी 2025 को उन्होंने साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत की, जिसके बाद गुरुवार को साइबर थाने में केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई। कैसे बचें साइबर ठगों से? SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि साइबर ठग APK फाइल के जरिए मोबाइल का पूरा डेटा एक्सेस कर लेते हैं। वे ई-सिम एक्टिवेट कर नंबर से जुड़े बैंक खाते में ई-मेल लिंक कर यूपीआई के जरिए पैसे निकाल लेते हैं। इससे बचने के लिए— • अनजान कॉल पर बैंकिंग जानकारी न दें। • अज्ञात स्रोत से कोई भी APK फाइल डाउनलोड न करें। • केवल गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से ही एप डाउनलोड करें। • संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। • मोबाइल की सिक्योरिटी सेटिंग्स अपडेट रखें। साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में सतर्क रहना ही सबसे बड़ा बचाव है।