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गोरखपुर में चला GDA का बुलडोजर:जंगल कौड़िया में ध्वस्त की गई 19 एकड़ में हो रही अवैध प्लाटिंग

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गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने गुरुवार को अवैध प्लाटिंग पर सख्त एक्शन लिया। सानौली रोड पर स्थित जंगल कौड़िया में की जा रही तीन अवैध प्लाटिंग को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। तीनों प्लाटिंग मिलाकर 19 एकड़ में अवैध कालोनी विकसित करने की तैयारी थी। प्राधिकरण की ओर से डेलवपर्स को भविष्य में ऐसा न करने को लेकर चेतावनी भी दी गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनियोजित विकास को रोकने का निर्देश दिया है। गोरखपुर शहर के बाहरी क्षेत्र में तेजी से प्लाटिंग की जा रही है। 5 से 15 एकड़ में की जा रही इस प्लाटिंग का लेआउट भी किसी सक्षम संस्था से अनुमोदित नहीं कराया गया है। लोगों को यहां जमीनें बेची जा रही हैं। जमीन लेने के बाद लोग सालों तक विकास कार्य का इंतजार करते हैं। अनियोजित विकास को रोकने के लिए जीडीए की ओर से लगातार इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। कोई नहीं दिखा पाया लेआउट GDA की टीम की ओर से डेवलपर्स से प्लाटिंग को लेकर प्रपत्र मांगे गए थे। लेकिन कोई प्रपत्र दिखा नहीं सका। जिसके बाद प्लाटिंग को ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए थे। डेवलपस की ओर से प्लाटिंग बंद न करने पर प्राधिकरण की टीम ने गुरुवार को बुलडोजर लगाकर उनके साई आफिस, चहारदिवारी व सड़क को ध्वस्त कर दिया। प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि डेवलपर्स को अवैध प्लाटिंग न करने को लेकर चेताया गया था। सबसे कागज भी मांगे गए थे लेकिन कोई कागज प्रस्तुत नहीं कर सका। इनपर हुई कार्रवाई GDA की टीम ने सबसे पहले जंगल कौड़िया चौराहा के पास सुरजीत सिंह की ओर से 5 एकड़ में की जा रही प्लाटिंग को ध्वस्त किया। उसके बाद संतोष पांडेय द्वारा 6 एकड़ में की जा रही प्लाटिंग को ध्वस्त किया गया। इसी जगह आलमगीर अंसारी द्वारा 8 एकड़ में की जा रही प्लाटिंग का साइट आफिस, सड़क व चहारदिवारी तोड़ दी गई। जीडीए उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने डेवलपर्स से कहा कि बिना लेआउट पास कराए किसी प्रकार की प्लाटिंग न करें। विरोध की हुई कोशिश
GDA की कार्रवाई का डेवलपर्स की ओर से विरोध करने का प्रयास किया गया। लेकिन पुलिस बल की मौजूदगी के कारण ध्वस्तीकरण में कोई व्यवधान नहीं आया। अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई करने वाली टीम में सहायक अभियंता विनोद कुमार शर्मा, राजबहादुर सिंह, ज्योति राय, अवर अभियंता सुनील शर्मा, रमापति वर्मा, मनीष कुमार त्रिपाठी, संजीव तिवारी, प्रभात निषाद एवं जिला प्रशासन की ओर से नामित मजिस्ट्रेट शामिल रहे।

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