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गोरखपुर में पशु तस्करों ने पुलिस को खूब छकाया:घंटों पीछे दौड़ाया, घिर गए तो गाड़ी छोड़ फरार हुए; तीन पिकप पकड़ी गई, गोवंश भी बरामद

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गोरखपुर में तस्करों के विरुद्ध पुलिस की ओर से शुरू किए गए अभियान का असर तो नजर आया है। घेराबंदी कर तीन पिकप पकड़ ली गई है। हालांकि कोई तस्कर नहीं पकड़ा गया। शनिवार की रात पशु तस्करों का पुलिस से आमना-सामना हो गया। वे भागते रहे और पुलिस दौड़ाती रही। गलियों से निकलकर वे बार्डर तक पहुंचे भी लेकिन घिर जाने से गाड़ी छोड़कर फरार हो गए। जिले में तीन पिकप पकड़ी गई, जिसमें 8 गोवंश बरामद किए गए। यह अभियान रविवार की रात भी जारी रहा। पुलिस दो दिन से नाकाबंदी कर तस्करों की तलाश में जुटी है। अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। कैंट इंसपेक्टर संजय सिंह, शाहपुर के नीरज राय व गुलरिहा थाने में तैनात दरोगा अरुण सिंह के नेतृत्व में टीमें गश्त पर थीं। कंट्रोल से मैसेज आया कि अलग-अलग क्षेत्रों में पशु तस्कर सक्रिय हैं। इसके बाद टीमें सक्रिय हो गईं और पीछा करना शुरू कर दिया। काफी देर तक भागते रहे। पशु तस्करों का पीछा करने के दौरान फायरिंग की आवाज भी सुनी गई। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है। जब तस्कर भाग नहीं पाए तो पिकप छोड़कर फरार हो गए।
तेज किया गया अभियान
पशु तस्करों के विरुद्ध अभियान और तेज कर दिया गया है। उन्हें पकड़ने के लिए टीमों को रविवार रात भी लगाया गया है। पुलिस को मिली सूचनाओं के आधार पर भी उनकी तलाश की जा रही है। तीन पिकप पकड़े जाने से पुलिस की सक्रियता का अंदाज तस्करों को भी हो गया है। लेकिन वे इस सख्ती के बीच चुनौती भी दे रहे हैं। पुलिस अब तस्करों को पकड़ने के लिए जोर आजमाइश कर रही है। शाहपुर क्षेत्र में अधिक सक्रिय रहते हैं तस्कर
तस्कर शाहपुर क्षेत्र में अधिक सक्रिय रहते हैं। यहां कई मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस की घेराबंदी के बावजूद शुक्रवार की रात भी उनकी पिकप दौड़ती रही थी। हालांकि पुलिस ने उसका पीछा भी किया था। इससे पहले आवास विकास कालोनी में भी तस्कर कैमरे में कैद हुए थे। राप्तीनगर क्षेत्र में भी उनकी हरकत रहती है। राकेट फ्यूल से रफ्तार बढ़ाने का दावा
शुक्रवार को चार साल से फरार बिहार निवासी 25 हजार रुपये के इनामी पशु तस्कर मुस्ताक को पुलिस ने दबोच लिया है। इसके अलावा आसपास के जिले में भी पशु तस्कर पकड़े गए हैं। उनसे पूछताछ में पुलिस को नई और चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पशु तस्करों ने बताया कि वे पिकअप में डीजल के साथ ही पेट्रोल डलवाते हैं, इसके उनकी भाषा में राकेश फ्यूल कहा जाता है। दावा है कि इससे पुरानी पिकअप भी नए जैसी तेज पिकअप पकड़ लेती है। हालांकि विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं। फिर भी पुलिस ने कुछ मैकेनिकों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि डीजल इंजन में पेट्रोल का इस्तेमाल खतरनाक तो है लेकिन यह सही है कि इससे वाहन रफ्तार पकड़ लेता है। अब ऐसे मैकेनिकों की भी तलाश है, जिन्होंने इस तरह से गाड़ी में बदलाव किए हों। पुलिस की बात
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पशु तस्करों को पकड़ने के लिए अभियान जारी है। पशु तस्करों का पुलिस टीम ने पीछा किया था। अंधेरे का फायदा उठाकर पशु तस्कर वाहन छोड़कर फरार हो गए। दो पिकप नंबर के आधार पर खोराबार और एक पिकअप नंबर के आधार पर शाहपुर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। तस्करों की तलाश में पुलिस टीमों को लगाया गया है।

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