गोरखपुर के गीडा थानाक्षेत्र में 3 दिसंबर को हुई हत्या के मामले में दूसरे पक्ष ने भी तहरीर दी है। हत्यारोपित के पिता ने दी गई तहरीर में मृतक शिवधनी, उनकी पत्नी, बेटे व बेटी को घर पर चढ़कर मारने-पीटने का आरोपित बनाया है। हालांकि पुलिस इस मामले में कोई तहरीर मिलने से इनकार कर रही है। लेकिन दूसरे पक्ष से तहरीर पड़ते ही यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। गीडा क्षेत्र के अमटौरा गांव में साइकिल हटाने के विवाद में 2 दिसंबर को दो पक्षों में मारपीट हुई थी। अगले दिन दोनों पक्ष फिर भिड़ गए। इसमें शशिशंकर उर्फ पिकलू ने लाइसेंसी बंदूक से दूसरे पक्ष के शिवधनी की हत्या कर दी थी। शिवधनी की पत्नी के हाथ में भी गोली लगी थी। पीड़ित परिवार ने हमलावरों पर झोपड़ी जलाने का आरोप भी लगाया था। पुलिस ने इस मामले में हत्यारोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लेकिन दूसरे पक्ष से दी गई तहरीर के बाद मामला एक बार फिर गर्म हो गया है। एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि दूसरे पक्ष की ओर से अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। क्या लगाया है आरोप
यह तहरीर हत्यारोपित पिकलू के पिता पटेश्वरी सिंह ने दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 2 दिसंबर को रात 6 बजे रास्ते में साइकिल खड़ी कर अवरोध उत्पन्न करने से उनके लड़के पिकलू से विवाद हुआ था। उसने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस बुलाई। पुलिस वहां पहुंची और समझाकर चली गई। आरोप है कि 3 दिसंबर को दोपहर बाद करीब 2:30 बजे शिवधनी, उनका पुत्र अभिषेक, पत्नी हेमलता उनके घर पर चढ़ गए। बरामदे में बैठी उनकी भाभी विरजा देवी को पीटकर घायल कर दिया। सभी लोग घर के भीतर छिप गए। उन्होंने आरोप लगाया कि वे लोग घर में घुस गए और उनके बेटे पिकलू को पीटने लगे। घर में तोड़फोड़ भी की गई। पटेश्वरी सिंह का आरोप है कि उनकी लाइसेंसी बंदूक हलमावरों ने छीन ली। छीना-झपटी में बंदूक से गोली चली, जो उन्हीं को लग गई। इसके बाद उन लोगों ने बंदूक के बट से पिकलू के सिर पर वार कर दिया। जिससे सिर फट गया। तहरीर देते ही चर्चा में आ गया प्रकरण
सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले में पीड़ित परिवार से मिल चुके हैं। इस परिवार को आर्थिक सहायता दी गई है। जली झोपड़ी की जगह घर बनवाने को कहा गया है। इस बीच दूसरे पक्ष से तहरीर आते ही यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इसे जातीय संघर्ष का रूप देने की कोशिश भी की गई लेकिन पुलिस ने गांव में बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था। जिससे मामला शांत हो गया। घर जाने की कोशिश करते रहे राजनीतिक दलों के लोग
राजनीतिक दलों के लोग मृतक शिवधनी निषाद के घर जाने की कोशिश करते रहे। लेकिन पुलिस ने गांव के बार्डर पर ही सबको रोक दिया था। कांग्रेसियों को उनके घरों पर बंधक बना दिया गया था। सपा के कार्यकर्ता गांव के पास पहुंचने में कामयाब हो गए थे लेकिन उन्हें भी रोक दिया गया। पुलिस से उनकी नोकझोक भी हुई थी। इस मामले में अब एक बार फिर राजनीति शुरू होने की संभावना बढ़ गई है।