गोरखपुर के मोहद्दीपुर में 6 दिसंबर की रात हुए सड़क हादसे में घायल मासूम अंगद ने भी शनिवार की रात दम तोड़ दिया। दुर्घटना में अब मृतकों की संख्या 6 हो गई है। जिसमें से एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। निकिता अपने परिवार में अकेले बची है। एक निजी हास्पिटल में उनका इलाज चल रहा है। पति विक्रांत, बेटियां परी व लाडो की हादसे वाले दिन ही मौत हो गई थी। निकिता को अभी किसी के निधन का समाचार नहीं दिया गया है।
मोहद्दीपुर में 6 दिसंबर को यहीं के लेबर कालोनी निवासी विक्रांत अपने ससुराल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर घर लौट रहे थे। बाइक पर उनकी पत्नी निकिता, बेटियां लाडो व परी तथा बेटा अंगद भी बैठे थे। पावर हाउस कालोनी के पास से वह घर की ओर मुड़ रहे थे कि कूड़ाघाट की ओर से तेज रफ्तार से आयी बाइक से टक्कर हो गई। इस हादसे में विक्रांत, लाडो व परी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। दूसरी बाइक पर सवार सूरज व मोनू की भी मौत हो गई। हादसे में घायल निकिता व अंगद को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। दो बाइकों की टक्कर देख एक अन्य युवक भी बाइक लेकर भिड़ गया था। उसका इलाज भी चल रहा है। आठ दिनों तक किया संघर्ष
अंगद ने आठ दिनों तक जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष किया। पहले दिन से ही उसकी हालत गंभीर थी। उसे बीच में होश भी नहीं आया था। सांस लेने में दिक्कत थी। मेडिकल कालेज के पीआइसीयू में उसे आक्सीजन पर रखा गया था। शनिवार को उसने दम तोड़ दिया। अपनों की मौत से अनजान है निकिता
इस हादसे में अपनों को खो चुकी निकिता की जान बच गई है। लेकिन वह पति व बच्चों की मौत से अनजान है। इलाज के कारण परिजनों ने अभी तक उसे किसी की मौत के बारे में नहीं बताया है। निकिता के परिजनों ने बताया कि उसे यह सूचना देने की हिम्मत नहीं है। भरा-पूरा परिवार खत्म हो गया और वह अकेली रह गई। सरकार की ओर से मिली है आर्थिक मदद दो दिन पहले ही दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों व घायलों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी गई है। इलाज की व्यवस्था करने को भी कहा गया था। आर्थिक सहायता के रूप में निकिता को 7 लाख रुपये तो मिले हैं लेकिन इससे उसके घाव नहीं भरने वाले। इधर दुर्घटना में घायल चिन्मयानंद मिश्र की स्थिति में भी सुधार हो रहा है।