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गौसगंज में पुलिस सुरक्षा में वापस अपने घर पहुंचे लोग:मुहर्रम पर हुए सांप्रदायिक बवाल के बाद गांव से पलायन कर गए थे कई परिवार

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बरेली में दैनिक भास्कर की खबर का एक बार फिर से बड़ा असर हुआ है। दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट दिखाने के बाद पुलिस प्रशासन ने विशेष समुदाय के लोगों को एक बार फिर से पुलिस की सुरक्षा में उनके घर वापस पहुंचाया है। ये सभी लोग छह महीने पहले डर की वजह से गांव से पलायन कर गए थे और अब अलग-अलग स्थानों पर रह रहे थे। दैनिक भास्कर ने जब इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया, तो बरेली से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए छह परिवारों को फिर से गांव में बसाया। सभी ने अपने घर वापस लौटकर राहत की सांस ली। ये परिवार फिर से पहुंचे अपने घर एसडीएम तृप्ति गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला, सीओ प्रथम पंकज कुमार, सीओ मीरगंज गौरव कुमार की मौजूदगी में छह परिवार अपने-अपने घर वापस लौट आए। अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अब उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। पुलिस प्रशासन 24 घंटे उनके साथ है। अधिकारियों के आश्वासन से सभी परिवार खुश हैं। सोमवार को जो परिवार अपने घर लौटे, उनमें तस्लीम, साहिल, रुखसाना, फरीदन, अख्तर अली और फरजाना का परिवार शामिल था। अपने घरों में लौटकर इन सभी ने राहत की सांस ली। गांव में बढ़ाई गई सुरक्षा, छावनी में तब्दील हुआ पूरे गांव में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षा के लिए डेढ़ सेक्शन पीएसी लगाई गई है। इसके अलावा गांव में पुलिस चौकी भी स्थापित की गई है, जिसमें 365 दिन और 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। गांव को सीसीटीवी कैमरों से लैस कर दिया गया है, ताकि वहां होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। 19 जुलाई को मॉब लिंचिंग से हुई थी तेजपाल की मौत दरअसल, 19 जुलाई को गांव में दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। आरोप है कि इस दौरान पूर्व ग्राम प्रधान हीरालाल के बेटे तेजपाल को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घर से खींचकर मस्जिद में ले गए और वहां उसे पीट-पीट कर मार डाला था। हीरालाल के इकलौते बेटे की हत्या के बाद उनके परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था। इस मामले में हीरालाल की ओर से शाही थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया गया था। 51 दंगाई गए जेल, 14 घरों पर चला बुलडोजर इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई करते हुए 51 लोगों को गिरफ्तार किया और उन्हें जेल भेज दिया। 14 दंगाइयों के घरों पर पुलिस प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई की थी। इसके बाद गांव से कई विशेष समुदाय के लोग पलायन कर गए थे। इस मामले में मुख्य आरोपी बख्तावर के खिलाफ NSA के तहत भी कार्रवाई की गई थी। सभी आरोपी अभी भी जेल की सलाखों के पीछे हैं। डर की वजह से ज्यादातर लोग अपने घरों से पलायन कर गए, जबकि कुछ ऐसे लोग भी थे जो इस मुकदमे में नामजद नहीं थे, लेकिन डर के कारण गांव छोड़ गए थे।

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