बदायूं में बिजली चोरी के नाम पर लोगों को डराकर घूस मांगने वाले पावर कॉरपोरेशन के संविदाकर्मी अमित सागर को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को आरोपी को बरेली कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस केस की जांच अब एंटी करप्शन बरेली को ट्रांसफर कर दी गई है। आइए जानते हैं पूरा मामला…
घटना सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के खेड़ा नवादा की है, जहां बिजली चेकिंग टीम हफीजुल नाम के शख्स के घर गई थी। टीम में अमित सागर भी शामिल था। उसने बिजली चोरी के केस का डर दिखाकर 10 हजार रुपये की मांग की। परेशान होकर हफीजुल ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। सीओ एंटी करप्शन बरेली यशपाल सिंह के निर्देश पर अमित को ट्रैप कर गिरफ्तार किया गया। बिजली चेकिंग के नाम पर धांधली
बिजली विभाग में चेकिंग के नाम पर हो रही धांधली का खुलासा एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को किया। टीम ने अमित सागर को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि यह रकम सिर्फ संविदाकर्मी तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका हिस्सा ऊपर तक पहुंचता था। यही कारण है कि बिजली विभाग के कर्मचारी खुलेआम उगाही करते हैं। अगर कोई इसका विरोध करता तो उसे सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा झेलना पड़ता। सिस्टम में घोटाले की जड़ें गहरी
पूछताछ में आरोपी ने घूस की रकम के बंटवारे में कई बड़े नामों का खुलासा किया है। इससे अंदेशा है कि आने वाले दिनों में पावर कॉरपोरेशन के कई अफसरों पर गाज गिर सकती है। हालांकि फिलहाल अधिकारी खुद को निर्दोष बताने की कोशिशों में लगे हैं। एंटी करप्शन के सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और मामले की गहराई से जांच बरेली की टीम करेगी। अब देखना यह होगा कि बिजली विभाग के इस घोटाले में और कौन-कौन फंसता है।