जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हम सनातनियों को इस बात की चिंता होनी चाहिए कि सनातन को कैसे बचाना और कैसे मजबूत करना है। सनातन सबसे पुराना है लेकिन चिंता इस बात की है यह सिकुड़ रहा है, जिसका परिणाम आने वाले दिनों में बहुत ही बुरा होगा। ऐसे में सनातन को सुरक्षित रखने के प्रत्येक हिंदू को आगे आना होगा। नरेंद्रानंद सरस्वती महाकुंभ के पहले प्रयागराज पहुंचे हैं। यहां उन्होंने अपनी शिविर के लिए महाकुंभ क्षेत्र में भूमि पूजन किया। संगम के तट पर उन्होंने “दैनिक भास्कर” से विशेष बातचीत की। विश्व शांति के लिए महाकुंभ में होगा महायज्ञ नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, महाकुंभ मेला क्षेत्र मंथन का स्थल है। यहां संत और भक्त एक साथ तप करते हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व में सबसे ज्यादा अशांत और असुरक्षा का माहौल है। ऐसे में विश्व शांति, विश्व कल्याण और लोगों की उन्नति के लिए महाकुंभ में विशाल यज्ञ और अनुष्ठान किया जाएगा। इस भव्य आयोजन के लिए बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से आचार्य और विद्वान शामिल होंगे। सरकार कर रही सराहनीय कार्य उन्होंने कहा कि महाकुंभ के भव्य, दिव्य आयोजन के लिए सरकार सराहनीय कार्य कर रही है इससे जहां महाकुंभ का प्रचार प्रसार हो रहा है वहीं सनातन धर्म को संरक्षण मिल रहा है। वहीं, अखिल भारतीय गोरक्षण समिति के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी भक्ति हरि ने कहा, जिस तरह से हिंदुओं का परिवार छोटा हो रहा है वह कहीं न कहीं चिंता का विषय है। महाकुंभ में इस पर भी मंथन होगा।