संतकबीरनगर में विकास कार्यों की जांच का खेल सामने आया है। बस्ती मंडल के संयुक्त विकास आयुक्त (जेडीसी) मेंहदावल और सांथा ब्लॉक की जांच सिर्फ कागजों में कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, विकासखंड के अधिकारियों ने जांच के नाम पर प्रति ग्राम प्रधान से 5000 रुपये तक की वसूली की। जेडीसी को मेंहदावल विकास खंड के ग्राम पंचायत कौवाठोर और बढ़या ठाठर का औचक निरीक्षण करना था। लेकिन 14 फरवरी 2025 को वे जांच के लिए नहीं पहुंचे। अधिकारी और कर्मचारी विकास कार्यों के अभिलेख लेकर पूरे दिन उनका इंतजार करते रहे। दैनिक भास्कर की जांच में कुछ प्रधानों ने बताया कि विकास खंड के जिम्मेदार जेडीसी जांच और बस्ती टीएसी जांच के नाम पर 3000 से 5000 रुपये तक वसूल रहे हैं। यह जांच हर साल होती है, लेकिन विकासखंड स्तर पर मैनेज कर ली जाती है। इसी तरह फरवरी 2025 में सांथा विकासखंड के दो ग्राम पंचायतों में भी जेडीसी की जांच होनी थी। जांच की सूचना से घपलेबाजों में हड़कंप मच गया। पूरे दिन ग्राम प्रधानों से चंदा इकट्ठा किया गया, लेकिन आर्थिक प्रभाव के कारण वहां भी जांच नहीं हुई। सांथा खंड विकास अधिकारी श्वेता वर्मा ने बताया कि 20 फरवरी को जेडीसी की जांच होनी थी। उनका पूरा इंतजार किया गया, लेकिन वे नहीं आए। बस्ती मंडल के जेडीसी का कहना है कि वे किसी कारणवश नहीं आ पाए और जांच बाद में की जाएगी।
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