झांसी में जेलर पर हमला करने वाले बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में गोली मार दी। एक बदमाश के पैर में गोली लगी है, जबकि दूसरे को घेरकर पकड़ लिया गया। घायल बदमाश को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उनसे तमंचा और बाइक बरामद हुई है। उनकी पहचान अशरफ और नदीम के रूप में हुई है। दोनों प्रेमनगर के पुलिया नंबर 9 के रहने वाले हैं। दोनों ने हिस्ट्रीशीटर के दो बेटों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पर 14 दिसंबर को हमला हुआ था। खुद को घिरता देख अशरफ ने चलाईं दो गोली एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि रविवार शाम को सूचना मिली कि अशरफ और नदीम कानुपर हाइवे से मुस्तरा गांव के कच्चे वाले रास्ते से होकर निकलने वाले हैं। इस पर स्वाट टीम और नवाबाद थाना पुलिस ने घेराबंदी की। खुद को घिरता हुआ देख दोनों बाइक लेकर भागने लगे। तब उनकी बाइक फिसलकर गिर गई। इस पर अशरफ तमंचा निकालकर पुलिस पर फायरिंग करने लगा। उसने पुलिस पर दो गोली चलाई। जबावी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई। पैर में गोली गलने के बाद अशरफ गिर गया। जबकि उसकी साथी नदीम को घेरकर पकड़ लिया गया। उनसे बाइक और तमंचा बरामद हुआ है। हॉट-टॉक से नाराज थे हिस्ट्रीशीटर के बेटे एसपी सिटी ने कहा- हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव झांसी जेल में बंद था। यहां जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता से उसकी हॉट टॉक हो गई थी। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर को हमीरपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। उसके बेटे सुमित यादव और अमित को लगने लगा था कि जेलर की वजह से जेल बदली गई है। दोनों ने अशरफ और नदीम के साथ मिलकर 14 दिसंबर को जेलर पर हमला किया था। 8 दिन पहले एनकाउंटर में गोली मारकर पुलिस ने सुमित को पकड़ लिया था। अभी अमित फरार है। हिस्ट्रीशीटर से मुलाकात के बाद किया हमला वरिष्ठ जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि खुफिया विभाग और प्रशासन को इनपुट मिला था कि बदमाश जेल में गिरोह बनाकर किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसके साथ जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान शातिर अपराधियों को अलग-अलग जेल में शिफ्ट करने की कही थी। डीएम के आदेश पर कमलेश यादव समेत 5 अपराधियों को दूसरे जनपद की जेल में शिफ्ट करा दिया गया था। इसके बाद से बदमाश जेलर से खुन्नस रखने लगे थे। जांच में सामने आया है कि 7 दिसंबर को सुमित और अमित ने हमीरपुर जेल में अपने पिता कमलेश से मुलाकात की थी। इसके बाद 11 दिसंबर को कमलेश से उसकी पत्नी सुमित्रा, बेटे सुमित और पुलिया नंबर- 9 में रहने वाले बलवीर ने जेल में मुलाकात की थी। दो दिन बाद 14 दिसंबर को हिस्ट्रीशीटर के दोनों बेटों सुमित और अमित ने जेलर पर हमला कर दिया था। ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद जा रहे थे जेलर जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता पिछले 2 साल से झांसी में तैनात हैं। हैदराबाद में 16 से 20 दिसंबर तक उनकी जेल सुधार को लेकर ट्रेनिंग थी। उसमें हिस्सा लेने जेलर 14 दिसंबर को हैदराबाद जा रहे थे। वह ऑटो से स्टेशन जा रहे थे। साथ में जेल वार्डर अर्जुन सिंह भी था। जब उनका ऑटो दोपहर 12.15 बजे डीआरएम ऑफिस के पास पहुंचा, तो सफेद रंग की एक कार ऑटो के आगे आकर खड़ी हो गई। इससे ऑटो रुक गया। कार से हिस्ट्रीशीटर कमलेश यादव के बेटे सुमित यादव और अमित यादव अपने दो साथियों के साथ नीचे उतरे। चारों ने गाली गलौज करते हुए ऑटो से जेलर और जेल वार्डर को बाहर खींच लिया। फिर जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। हमले के बाद चारों कार से भाग गए। हमले में जेलर का हाथ फ्रैक्चर हो गया था। हिस्ट्रीशीटर कमलेश पर दर्ज हैं 38 केस प्रेमनगर के पुलिया नंबर- 9 में रहने वाला कमलेश यादव हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। पुलिस के अनुसार, उसके ऊपर हत्या, लूट, डकैती समेत अन्य कई धाराओं में 38 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। पिछले डेढ़ साल से वह जेल में बंद है। हालांकि, अभी तक उसे किसी मामले में सजा नहीं सुनाई गई।