झांसी में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य समेत 19 वरिष्ठ कांग्रेस नेता करीब 15 घंटे तक नजरबंद रहे। वे बुधवार को विधानसभा का घेराव में शामिल होने के लिए लखनऊ जाने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उनको घरों में नजरबंद करके बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं की पुलिस से जमकर नोंकझोंक हुई। नेताओं ने जमकर नारेबाजी भी की। करीब 15 घंटे बाद बुधवार सुबह 10 बजे फोर्स को हटा लिया गया। अब कांग्रेस कचहरी के पास काली पट्टी बांधकर धरना देंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। पुलिस कांग्रेस कार्यालय पहुंची, थाने ले गई मंगलवार शाम को मानिक चौक स्थित कांग्रेस कार्यालय पर पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता 18 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित प्रदर्शन की रणनीति तय कर रहे थे। उसी समय सीओ सिटी रामवीर सिंह कोतवाली, नवाबाद और सीपरी बाजार थाने के पुलिस बल को लेकर पहुंच गए। भारी पुलिस बल को देख हंगामा शुरू हो गया। कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे। पुलिस अफसरों ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर किसी तरह उनको शांत कराया। इसके बाद सभी को लेकर कोतवाली पहुंचे। इसके बाद सभी को घरों में भेजकर नजरबंद कर दिया गया। नजरबंद होने वाले पूर्व मंत्री प्रदीप जैन, निवर्तमान जिलाध्यक्ष योगेंद्र पारीछा, प्रदेश सचिव मनीराम कुशवाहा, राहुल रिछारिया, अरविंद बबूल, शेखर नलवंशी, इंद्रजीत बादशाह, संदीप नाहर, राहुल चौहान, इमरान खान समेत 19 अन्य नेता शामिल हैं। आज काली पट्टी बांधकर धरना देंगे कांग्रेस नेताओं को लखनऊ न जाने देने पर पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने इसे सरकार का तानशाह रवैया बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुलिसिया लोकतंत्र स्थापित करने की कोशिश हो रही है। जनता इसे याद रखेगी। आने वाले समय में जनता इसका हिसाब लेगी। लखनऊ जाकर वह लोग जनता की आवाज पहुंचाएंगे। सरकार के इस फैसले की निंदा की। पूर्व मंत्री ने कहा कि आज कचहरी चौराहे के पास कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता काली पट्टी बांधकर धरना देंगे।