झांसी में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। उसने दो दिन पहले जहर निगल लिया था। पति उसे इलाज के लिए झांसी के मेडिकल कॉलेज में ला रहा था लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पति ने बताया कि वह मायके जाने की ज़िद कर रही थी। लेकिन वह घर से दूर होने के चलते उसे मायके नहीं ले जा पा रहा था। इसी बात से खफा पत्नी ने आत्महत्या कर ली। इससे पहले मां को तड़पता देख चार साल की बेटी पड़ोसियों के पास रोती हुई पहुंची और मां को अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का रहने वाला संतोष प्रजापति दिल्ली में नौकरी करता है। वहीं, उसकी पत्नी अंजलि अपने दो बच्चों के साथ छतरपुर में ससुर के साथ रहती है। अंजलि मायका मध्य प्रदेश के ही उमरिया में है। बीती 5 जनवरी को अंजलि के मायके में नजदीकी रिश्तेदार के यहां वैवाहिक फंक्शन था, जिसमें अंजलि भी जाना चाहती थी। लेकिन वह अकेली होने के चलते नहीं जा सकी। इसी बात से गुस्साई अंजलि ने 3 जनवरी की सुबह 9 बजे घर में रखी सल्फॉस की गोलियां निगल लीं। यहां पड़ोसियों को खबर हुई तो उन्होंने संतोष को सूचना देकर अंजलि को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उसकी हालत और खराब होने पर झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया लेकिन, इलाज से पहले ही उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव का पोस्टमॉर्टम कराया है। ससुर गए थे बाहर, किसी को भनक तक नहीं लगी
पति संतोष ने बताया कि उसकी मां की मौत बहुत पहले हो चुकी है। घर में केवल अंजलि, उसकी चार साल की बेटी, एक साल का बेटा और उसके पिता रहते हैं। पिता ड्राइवर हैं तो ऐसे में वह घटना वाले दिन बाहर गए थे। इसी दौरान अंजलि ने आत्मघाती कदम उठा लिया। यहां मां को तड़पता देख बेटी भागती हुई पड़ोसियों के पास पहुंची और बताया कि मम्मी की तबियत खराब हो गई है और वो उल्टी कर रही हैं, उन्हें आप अस्पताल ले जाओ। बच्चों को नाश्ता कराया और खुद ने निगल ली सल्फॉस
संतोष ने बताया कि घटना वाले दिन सुबह 7 बजे उसकी अंजलि से फोन पर बात हुई थी। वह गुस्से में थी और बस मायके जाने की ज़िद कर रही थी। इस पर संतोष ने उससे कहा कि वह दिल्ली से आ जाएगा, फिर उसके साथ चलेगा। लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। उल्टी कर देख पड़ोसी लेकर भागे अस्पताल
संतोष ने बताया कि उसके पास 3 जनवरी को छतरपुर में उसके पड़ोसी का सुबह फोन आया था। उन्होंने बताया कि तुम्हारी पत्नी बहुत उल्टी कर रही है और उसमें केमिकल जैसे बदबू भी आ रही है। पड़ोसियों ने यह भी बताया कि उन्हें लगता है कि अंजलि ने जहर पिया है। पड़ोसियों ने यह भी बताया कि वे लोग उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। रास्ते में बोली अंजलि अब कभी नहीं जाएंगे मायके
अंजलि के सल्फॉस खाने के बाद पड़ोसियों ने पति संतोष को सूचना दी तो वह दिल्ली से लौट आया। इसके बाद वह अंजलि को एम्बुलेंस से लेकर झांसी मेडिकल कॉलेज निकल पड़ा। जब वे झांसी से 15 किलोमीटर दूर बेतवा नदी के पुल से गुजर रहे थे तो यहीं अंजलि ने संतोष से कहा कि अब वह कभी मायके नहीं जाएगी। इतना कहने के बाद उसने दम तोड़ दिया।