उत्तर प्रदेश ठेकेदार कल्याण समिति ने 18 नवंबर को प्रमुख अभियंता (विकास और विभागाध्यक्ष) PWD लखनऊ के साथ बैठक में लिए गए 6 सूत्रीय निर्णयों पर अमल न होने का विरोध किया है। इस बैठक में यह सहमति बनी थी कि इस वर्ष से 5 वर्षीय अनुरक्षण को लागू नहीं किया जाएगा। इस पर विभागीय सलाहकार वीके सिंह ने भी अपनी सहमति दी थी। इसके अलावा अन्य मांगों पर शासन से अनुमति प्राप्त करने की बात भी तय हुई थी। इसके बाद 26 नवंबर को वीसी के माध्यम से प्रमुख अभियंता और विभागाध्यक्ष ने निर्देश दिए थे कि 5 वर्षीय अनुरक्षण को हटाकर ग्रामीण मार्गों और विशेष मरम्मत के कार्यों के लिए पूर्ववत व्यवस्था के तहत निविदाएं आमंत्रित की जाएं। यह निर्णय विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। हालांकि इसके बावजूद निर्माण खंड कुशीनगर के अधिशासी अभियंता ने 5 वर्षीय अनुरक्षण को हटाने के बाद अगले ही दिन पुनः 5 वर्षीय अनुरक्षण को शामिल करने के लिए शुद्धि पत्र जारी कर दिया। इससे ठेकेदारों में आक्रोश फैल गया है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय आदेश का उल्लंघन है। उत्तर प्रदेश ठेकेदार कल्याण समिति के अध्यक्ष शरद सिंह ने इस वादा खिलाफी के विरोध में चेतावनी दी है कि जब तक लिखित आदेश प्राप्त नहीं होता तब तक पूरे प्रदेश में निविदा बहिष्कार जारी रहेगा।