IIT कानपुर ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के प्रबंधन और डिजाइन प्रशिक्षुओं (MT/DTs) के 46वें बैच की शुभारंभ किया। आईआईटी कानपुर के ऑफिस ऑफ आउटरीच एक्टिविटीज के अंतर्गत, आईआईटी कानपुर के प्रो. बिशाख भट्टाचार्य के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में 5 मुख्य और 2 वैकल्पिक विषयों में कुल 59 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया। यह प्रशिक्षण आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभागों के 12 संकाय सदस्यों और आईआईटी जोधपुर के प्रो. सी. वेंकटेशन द्वारा दिया गया। प्रशिक्षुओं को तकनीकी विशेषज्ञता से करेंगे दक्ष इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षुओं के ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ाना था। इसमें एयरक्राफ्ट स्टेबिलिटी एण्ड कंट्रोल, फाइनाइट एलिमेंट मॉडलिंग एण्ड एनालिसिस, एरोडाइनैमिक सर्फिस डिजाइन, हाइड्रोलिक सिस्टम, स्मार्ट सेंसर और एक्ट्यूएटर, मटीरीअल सिलेक्शन एण्ड कैरिक्टरिजेशन आदि जैसे बुनियादी और उन्नत विषयों को शामिल किया गया। प्रतिभागियों को अत्याधुनिक सुविधाओं का उपयोग करके प्रयोगशाला प्रयोगों और तकनीकी परियोजनाओं से भी अवगत कराया गया। प्रयोगशाला में अपने अनुभवों को साझा किया इस कार्यक्रम ने तापमान नियंत्रण प्रणाली, चुंबकीय उत्तोलन, ट्यून्ड मास डैम्पर्स का उपयोग करके कंपन नियंत्रण, FFT का उपयोग करके ध्वनि विश्लेषण, 3D डिजिटल छवि सहसंबंध, द्रव गतिकी, यूएवी प्रोपेलर परीक्षण और दृष्टि-आधारित नेविगेशन सिस्टम जैसे क्षेत्रों में प्रयोगशाला-आधारित प्रयोगों के माध्यम से व्यापक व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया। प्रशिक्षुओं ने रोटर्स के लिए मेटामटेरियल-आधारित डंपिंग सिस्टम, एआई का उपयोग करके ड्रोन-आधारित डिटेक्शन, कई रोटर सिस्टम में बैंडगैप जनरेशन, माल ढुलाई के लिए हाइपरलूप परिवहन प्रणाली, सुपर कैम के साथ एकीकृत एयरबोर्न मंटा-रे प्रकार के यूएवी, यूएवी के लिए 3डी-प्रिंटेड मॉर्फेबल विंगलेट और बॉक्स विंग्स, ड्रोन शूटर, मोनोकॉप्टर, ऑटो-रोटेटिंग बॉडीज, मंटा-रे अंडरवाटर व्हीकल और ड्रैगनफ्लाई मॉडल जैसे प्रोटोटाइप सहित कई अभिनव परियोजनाओं पर भी काम किया। 12 तकनीकी परियोजना मॉडल विकसित किए प्रशिक्षुओं द्वारा कुल 12 तकनीकी परियोजना मॉडल विकसित किए गए, जिन्हें आईआईटी कानपुर के आउटरीच ऑडिटोरियम में प्रदर्शित किया गया, जिसका उद्घाटन आईआईटी कानपुर के डीन ऑफ फैकल्टी अफेयर्स प्रो. अमलेंदु चंद्रा और एचएएल प्रबंधन अकादमी के डीजीएम और वरिष्ठ संकाय गिरीश भावियावर ने किया।