डिजिटिलाइजेशन के माध्यम से भारत में छात्रों को नए अवसर मिल सकते हैं। हमें अपनी शिक्षा प्रणाली में इस बात का सुनिश्चित करना होगा कि डिजिटल इन्फ्राक्स्ट्रक्चर हमारे स्टूडेंट्स की जरुरत है, जो उन्हें उनके बेहतर भविष्य के लिए नए-नए अवसर मुहैया कराएगा। यह कहना है एआईयू के अध्यक्ष और सीएसजेएमयू वीसी प्रो. विनय कुमार पाठक का जो कि शनिवार को नई दिल्ली में Digii100 2024 में बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। नई दिल्ली में हो रहा आयोजन
भारतीय उच्च शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से Digii100 2024 का आयोजन नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में हुआ। इस वर्ष का शिखर सम्मेलन AWS (Amazon) और EPSI के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल उत्कृष्टता पर विचार-विमर्श हुआ। इस वर्ष की थीम “भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजिटल उत्कृष्टता को उजागर करना” थी। डिजिटल परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया
कुलपति प्रो. पाठक ने अपने संबोधन में शिक्षा के डिजिटल परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया और इसे छात्रों के लिए नए अवसरों का द्वार बताया। प्रो. पाठक ने CSJMU में स्थापित किए जा रहे सुपरकंप्यूटिंग हब की घोषणा की, जो विभिन्न अनुशासनों में शोध और नवाचार को बढ़ावा देगा। इस हब का उद्देश्य फिजिक्स, बायोलॉजी और मटेरियल साइंस जैसे विषयों में उन्नत सिमुलेशन की सुविधा प्रदान करना है, साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा साइंस में शोध को सशक्त बनाना है।
उन्होंने SWAYAM, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, वर्चुअल लैब्स और नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी जैसी पहल का उल्लेख किया, जो भारतीय शिक्षा को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी (VR/AR) के उपयोग को शिक्षा में नवाचार का अगला कदम बताते हुए उन्होंने इसे छात्रों के लिए सीखने का अधिक प्रभावी और व्यावहारिक माध्यम बताया।