Drishyamindia

डॉ. युद्धवीर सिंह बने मेरठ कॉलेज के प्राचार्य:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाप्त की थी डॉ. मनोज रावत की नियुक्ति

मेरठ कॉलेज में रविवार को प्रो. युद्धवीर सिंह ने प्राचार्य का पदभार संभाल लिया।। कार्यकारिणी की बैठक में उन्हें प्राचार्य बनाने का निर्णय लिया गया। मेरठ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज रावत की नियुक्ति हाईकोर्ट द्वारा समाप्त किए जाने के बाद रविवार को प्रबंध कार्यकारिणी की बैठक कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. ओपी अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित की गई। बैठक में कॉलेज के सचिव विवेक कुमार गर्ग ने कार्यकारिणी समिति के समक्ष बताया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के द्वारा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार रावत की नियुक्ति समाप्त कर दी गई है। उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में मेरठ कॉलेज में प्राचार्य का पद अब रिक्त है। उन्होंने कार्यकारिणी के समक्ष वरिष्ठता क्रम में मेरठ कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ युद्धवीर सिंह को नए प्राचार्य बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसको सर्वसम्मति से कार्यकारिणी ने स्वीकार कर लिया। जिसके बाद प्रोफेसर युद्धवीर सिंह को कॉलेज के नए प्राचार्य का पदभार ग्रहण करायाा गया। प्रोफेसर युद्धवीर सिंह इससे पहले मेरठ कॉलेज में तीन बार प्राचार्य रह चुके हैं। कॉलेज प्रबंध समिति अध्यक्ष डॉ. ओपी अग्रवाल ने कहा कि प्रो. युद्धवीर सिंह के नेतृत्व में कॉलेज न केवल सभी दिशाओं में उन्नति करेगा बल्कि नैक मूल्यांकन में भी प्रदर्शन श्रेष्ठ साबित होगा। इस अवसर पर प्रो. युद्धवीर सिंह ने कहा कि मेरठ कॉलेज एक ऐतिहासिक महाविद्यालय है, जो संपूर्ण उत्तर प्रदेश में अग्रणी कॉलेजों में शुमार है। उन्होंने कहा कि वह सभी को साथ लेकर काम करेंगे और मेरठ कॉलेज को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। कार्यकारिणी की इस मीटिंग में रामकुमार गुप्ता, संजीवेश्वर त्यागी, जयवीर सिंह, अमित बंसल एवं अन्य सदस्य मौजूद रहे। ये है पूरा मामला प्रो.युद्धवीर सिंह ने निदेशक उच्च शिक्षा द्वारा प्रो.मनोज रावत को मेरठ कॉलेज में प्राचार्य नियुक्त करने की प्रक्रिया को चुनौती दी थी। उन्होंने निदेशक उच्च शिक्षा द्वारा विशेष सचिव उच्च शिक्षा को जारी पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इसमें डॉ.मनोज रावत द्वारा बजरंग पीजी कॉलेज बलिया में हुई नियुक्ति को बदलकर मेरठ कॉलेज में करने के अनुरोध को निरस्त कर दिया था। इसके पीछे मुख्य वजह उच्च शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम 1980 के पास नियुक्ति स्थान को बदलने के अधिकार नहीं होना था। प्रो. मनोज रावत ने अपना काउंटर एफिडेविट दाखिल करते हुए यह तो स्वीकार किया कि आयोग ने उन्हें बलिया का कॉलेज आवंटित किया था, लेकिन कॉलेज ने उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया। कोर्ट ने निदेशक उच्च शिक्षा द्वारा प्रो. मनोज रावत की कॉलेज में नियुक्ति को क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए आदेश को निरस्त कर दिया। ऐसे में सीनियरिटी के हिसाब से प्रो.युद्धवीर सिंह की प्राचार्य की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े