देवरिया निवासी जनवादी कवि ध्रुवदेव मिश्र पाषाण 86 वर्ष की आयु में मंगलवार को निधन हो गया। शहर के शिवपुरम कालोनी स्थित आवास पर मंगलवार की सुबह अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। परिवार के लोग उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज ले गए, जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुविख्यात कवि ध्रुवदेव मिश्र पाषाण मूलरूप से जिले के भटनी विकास खंड के मायापुर इमिलिया गांव के रहने वाले थे। निधन की खबर पाकर बड़ी संख्या में लोगों ने उनके पैतृक गांव पहुंचकर शोक प्रकट किया। उनके परिवार में पत्नी राजपति देवी के अलावा पुत्र विश्वदेव मिश्र, सरोज मिश्र, नरेंद्र मिश्र, देवेंद्र मिश्र, वाचस्पति मिश्र और धनश्याम मिश्र हैं। दो पुत्रियों अर्चना सर्जना को शादी हो चुकी है। प्रगतिशील विचारधारा से जुड़े रहे। भागलपुर में सरयू नदी के कालीचरण घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि बड़े पुत्र और पूर्व ग्राम प्रधान विश्वदेव मिश्र ने दी। जनकवि ध्रुवदेव मिश्र पाषाण के साहित्यिक आंदोलन का सफर लम्बा रहा। वह बाबा नागार्जुन के साहित्यिक आंदोलन से भी जुड़े थे। 1977 में बाबा नागार्जुन के साथ कोलकाता (कलकत्ता) में कवि सम्मेलन का मंच साझा किया था, जिसमें मजदूरों और शोषितों को लेकर रचना पढ़ी थी। कवि और साहित्यकार ध्रुवदेव मिश्र पाषाण के निधन पर जताया शोक
सदर विधायक डा शलभ मणि त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश तिवारी, सांसद शशांक मणि, पूर्व सांसद रविन्द्र कुशवाहा,भाटपार रानी विधायक सभा कुंवर कुशवाहा, पूर्व विधायक आशुतोष उपाध्याय बबलू, भाजपा नेता धनंजय सिंह बघेल, संजय केडिया, वरिष्ठ पत्रकार धनंजय मणि त्रिपाठी आदि ने शोक प्रकट किया है।