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नदियों को बूचड़खाने के पानी से बचाने को लेकर याचिका:छात्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा- श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रहीं

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में महाकुंभ के दौरान बूचड़खानों का पानी नदियों में बहाने से रोकने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में BA LLB (ऑनर्स) की चतुर्थ वर्ष की छात्रा और पर्यावरणविद शैलेश सिंह की बेटी नेहा सिंह की ओर से याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा है कि हापुड़ स्थित मेसर्स रेबन इंटरनेशनल और अलीगढ़-बुलंदशहर में अन्य कंपनियां ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं, जो पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा रही हैं। याची ने खुद इसकी पड़ताल की तो पाया कि बिना ट्रीटमेंट अपशिष्ट सीधे नदियों में बहाए जा रहे हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं। याची का कहना है कि उसने 25 और 28 जनवरी को गाजियाबाद में मेसर्स इंटरनेशनल एग्रो फूड्स और हापुड़ में मेसर्स रेबन इंटरनेशनल के बूचड़खानों से रक्त-मिश्रित अपशिष्ट बहाने की तस्वीरें और वीडियो बनाए हैं। ये खुले क्षेत्रों और नालियों में बहा देते हैं, जो यमुना और हिंडन में मिल जाते हैं। इससे प्रयागराज में संगम पर नदियां प्रदूषित हो रही हैं। ये महाकुंभ के दौरान भारत ही नहीं, विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचता है।

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