महाकुंभ का आज 25वां दिन है। मेला अभी 20 दिन और चलेगा। हालांकि तीनों अमृत (शाही) स्नान पूरे हो चुके हैं। अखाड़े जाने की तैयारी करने लगे हैं। 13 में से 7 संन्यासी अखाड़ों के नागा साधु और संन्यासी यहां से काशी जाएंगे। अखाड़े 7 फरवरी से जाना शुरू कर देंगे। जबकि उदासीन के तीनों अखाड़ों के साधुओं ने जाना शुरू भी कर दिया है। बैरागी के 3 अखाड़े भी एक-दो दिन में जाने लगेंगे। कुछ संत 12 फरवरी, माघी पूर्णिमा स्नान तक रुक सकते हैं। पुरी के शंकराचार्य जा चुके हैं। जानिए कौन अखाड़ा कब जाएगा, बड़े संत कब तक जाएंगे… 1- जूना अखाड़ा: 7 को कढ़ी-पकौड़ी बंटेगी, फिर सब जाएंगे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्र गिरि महाराज ने बताया कि उनकी परंपरा के अनुसार, तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी) के बाद वे काशी के लिए रवाना होते हैं। जाने से पहले अखाड़े के सदस्य कढ़ी-पकौड़ी बनाते हैं और इसे प्रसाद के रूप में वितरित करते हैं। अन्य संस्थाएं और वैष्णव अखाड़े पूर्णिमा या शिवरात्रि तक यहां रहते हैं, लेकिन उनके अखाड़े तीनों स्नान के बाद ही प्रस्थान कर जाते हैं। वह भी 7 तारीख को यहां से प्रस्थान कर जाएंगे। 2- श्री पंच अग्नि अखाड़ा: 12 फरवरी तक रहेंगे श्री पंच अग्नि अखाड़ा के राष्ट्रीय महामंत्री सोमेश्वरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि हमारे तीनों शाही स्नान हो चुके हैं। वसंत पंचमी का स्नान बहुत ही अच्छा रहा। अब आगे 12 तारीख को पूर्णमासी का पर्व स्नान है, जो आम जनता और महात्माओं के लिए महत्वपूर्ण है। ये जो धर्मध्वज आप देख रहे हैं, उसकी 4 रस्सियों को ‘तनी’ कहते हैं। समापन के समय, हम इन तनियों की पूजा करके, देवताओं को धन्यवाद देते हैं। सभी तनों यानी रस्सियों को सभी मढ़ियों (पुरी, गिरि, भारतीय, सरस्वती) के प्रमुख के द्वारा खोल दिया जाता है। हम जल्द ही काशी के लिए रवाना होंगे। महाकुंभ से आगे बढ़ने का स्लोगन- कढ़ी पकौड़ी बेसन की, रास्ता देखो स्टेशन की अग्नि अखाड़ा के राष्ट्रीय महामंत्री सोमेश्वरानंद महाराज बताते हैं कि ‘कढ़ी पकौड़ी बेसन की, रास्ता देखो स्टेशन की’ यह स्लोगन बस इसलिए दिया जाता है कि जब सभी अखाड़े उठने वाले होते हैं तो उससे पहले अखाड़ा में बेसन कढ़ी और पकौड़ी बनाया जाता है। इसको खाने के बाद सभी अखाड़े काशी की तरफ प्रस्थान करते हैं। 3- तपो निधि श्री आनंद अखाड़ा: 15 फरवरी को शिविर हटेगा तपो निधि श्री आनंद अखाड़ा के प्रमुख श्री बालकानंद महाराज ने बताया कि कुंभ मेले में हमारे अखाड़ों की तीन शाही स्नान की परंपरा है। हमारे तीनों अमृत स्नान हो चुके हैं, अब तपो निधि श्री आनंद अखाड़ा 7 तारीख को यहां से प्रस्थान करके बनारस (काशी) जाएगा। वहां पर एक महीने का प्रवास रहेगा। सभी नागा और सभी सन्यासी 7 तारीख को प्रस्थान करेंगे। मैं अखाड़ा के सर्वोच्च पद आचार्य पीठ पर विराजमान हूं। हमारा शिविर पूर्णिमा के स्नान के बाद 15 तारीख को हटेगा। इसी तरह पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण, पंचायती आनंद, शंभू पंचायती अटल और दशनाम आवाहन अखाड़ा ने अपनी पैकिंग शुरू कर दी है। ये अखाड़े भी 7 फरवरी को काशी जाएंगे। महाशिवरात्रि में काशी में रहेंगे सातों संन्यासी अखाड़े काशी में महाशिवरात्रि के अवसर पर अखाड़ों का भव्य जुलूस निकाला जाता है। वे महादेव काशी विश्वनाथ के दर्शन करते हैं। इस दौरान 3 घंटे के लिए मंदिर में आम लोगों का प्रवेश बंद रहता है और केवल दशनामी संन्यासी ही अंदर जा सकते हैं। काशी में ये सातों अखाड़े होली तक रहेंगे। होली के बाद अखाड़ों के संत अपने-अपने मठ-मंदिरों में चले जाएंगे। यह परंपरा जगतगुरु शंकराचार्य जी के समय से चली आ रही है। तीन बैरागी अखाड़े 1- निर्वाणी अनी अखाड़ा : 7 या 8 फरवरी को रवाना होंगे श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत अनिरुद्ध दास ने बताया कि वसंत पंचमी बीतने के बाद यहां पर भोजन-पानी की व्यवस्था का हिसाब-किताब करने के बाद हमारे तीनों अनी अखाड़ों का ध्वज सम्मान सहित उतारा जाएगा। उसके बाद हनुमान जी को विश्राम कराया जाएगा। लगभग 7 या 8 तारीख तक वैष्णव साधु यहां से रवाना होंगे। हो सकता है कुछ महात्मा, खालसा धारी, अखाड़े और नागा लोग कुंभ में पूर्णिमा तक रहें। 2- दिगंबर अनी अखाड़ा: एक-दो दिन में जाएंगे दिगंबर अनी अखाड़े के पदाधिकारी अभी एक बैठक कर रहे हैं। यह बैठक मेले के हिसाब-किताब को लेकर चल रही है। अनुमान है कि वे भी कल या परसों तक यहां से चले जाएंगे। 3- निर्मोही अनी अखाड़ा: सहमति के बाद जाएंगे निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष राजेंद्र दास महाराज ने बताया कि प्रयागराज के कुंभ मेले का भव्य और दिव्य समापन हो रहा है। वैष्णव अखाड़ों की धर्म ध्वजा अभी टंगी हुई है। समय आने पर सभी की सहमति से हनुमान जी की उपस्थिति में इसे विसर्जित कर दिया जाएगा। अभी साधु-संत यहीं हैं और उचित समय का इंतजार कर रहे हैं। अभी जाने का समय तय नहीं है। कुंभ मेले में शाही स्नान के बाद जाने में आमतौर पर पांच-छह दिन से लेकर एक हफ्ते तक का समय लग जाता है। सभी अखाड़ों के संत महात्मा इकट्ठे होकर इस पर विचार करेंगे और फिर सबको सूचित किया जाएगा। उदासीन अखाड़े: तीनों अखाड़ों की धर्म ध्वजा उतारी गई 1- बड़ा उदासीन अखाड़ा: आधे संत जा चुके हैं श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण, प्रयागराज के मुखिया महंत दुर्गादास ने बताया कि उनकी परंपरा के अनुसार ध्वजा स्थापना के समय जैसे पूजा-पाठ और हवन किया जाता है, ठीक उसी तरह ध्वजा उतारने के बाद भी पूजा-पाठ और हवन किया जाता है। इसके बाद कढ़ी-पकौड़ी और चावल का भोग लगाकर प्रसाद लिया जाता है, और फिर वे लोग यहां से प्रस्थान करते हैं। उनके बसावट का सामान इकट्ठा करने और पैकिंग का काम शुरू हो गया है। कुछ संत जा चुके हैं और कुछ जा रहे हैं। आधे से ज्यादा संत पंजाब, मध्य प्रदेश और बनारस जा चुके हैं। 2- निर्मल अखाड़ा: शिविर समाप्त, संत जाने लगे श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के महंत जसविंदर सिंह शास्त्री ने बताया कि इस बार का महाकुंभ 2025 दिव्य और भव्य रहा, पर एक दुखद घटना से सभी हताश हैं। दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना करते हैं। मेला हर्षोल्लास से मनाया गया, सभी साधु-संत उत्साहित थे। हमारा शिविर आज समाप्त हो रहा है, धर्म ध्वजा उतार दी गई है और सभी धीरे-धीरे प्रस्थान कर रहे हैं। हमारा लंगर कुछ दिन और चलेगा। हालांकि मुख्य शिविर आज तक ही हैं। 3- नया उदासीन अखाड़ा: इस अखाड़े के साधु-संतों ने भी अपनी पैकिंग शुरू कर दी है। कुछ संत वसंत पंचमी के स्नान के बाद अपने मठों को लौट भी चुके हैं। 7 या 8 को अखाड़ा खाली हो सकता है। किन्नर अखाड़ा: यह अखाड़ा महाकुंभ के आकर्षण का केंद्र बना रहेगा। किन्नर अखाड़ा 26 फरवरी तक शिवरात्रि के स्नान तक महाकुंभ में रुकेगा। इस अखाड़े के अधिकतर संन्यासी मेले में रहेंगे। यानी यह 26 फरवरी के बाद जाएगा। ——————————– ये खबर भी पढ़ें… IITian बाबा पर श्रीश्री रविशंकर बोले-यहां तो सब प्रेमी हैं:साधु-संतों के भव्य पंडालों पर कहा- कोई खाली बर्तन किसी को अन्न कैसे परोसेगा आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर 4 दिन से महाकुंभ में हैं। श्रीश्री ने कहा- भगदड़ में हुई मौतों पर किसी को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। IITian बाबा और हर्षा रिछारिया के सवाल पर कहा- यहां तो सारे प्रेमी हैं। श्रीश्री रविशंकर ने ‘दैनिक भास्कर’ से खास बातचीत में महाकुंभ के भव्य स्वरूप, भगदड़ में मौतों और आस्था पर भारी पड़ रहे आडंबर जैसे सवालों के भी जवाब दिए। पढ़ें पूरा इंटरव्यू…