जागरूकता से एक नामी कंपनी की प्रोजेक्ट मैनेजर साइबर ठगी का शिकार होने से बच गई। समय रहते युवती ने पुलिस से संपर्क कर अपनी आपबीती बताई। साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए युवती को ठगी के चंगुल में फंसने से बचा लिया। महिला पर लोन ऐप डाउनलोड करने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था। वहीं एक अन्य मामले में निवेश में मुनाफा दिखाकर रेलवे के एक अधिकारी से 57 लाख की ठगी हो गई। ऐसे बची साइबर क्राइम से महिला
मूलरुप से वाराणसी की रहने वाली प्रोजेक्ट मैनेजर नीतू कुमारी ने साइबर क्राइम थाने की पुलिस को बताया कि शुक्रवार को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने लोन नहीं चुकाने की बात कहकर युवती को धमकाना शुरू कर दिया। ठग ने उनसे कहा कि उनका एक लोन बकाया है। लोन नहीं भरने पर पुलिस गिरफ्तार करेगी। इसके बाद उसने लोन चेक करने के लिए एक ऐप इन्स्टॉल करने के लिए कहा। इस दौरान युवती काफी डर गई और रोने लगी। वह ऐप डाउनलोड करने ही वाली थी तभी उसके मन में पुलिस से संपर्क करने का विचार आया। युवती सीधे साइबर क्राइम थाने पहुंच गई। जिस नंबर से कॉल आ रही थी पुलिस ने जब उस पर बात की तो आरोपी ने नंबर बंद कर दिया। पुलिस से संपर्क करने से युवती ठगी का शिकार होने से बच गई। युवती ने बताया कि जिसने उसे कॉल की थी उसके पास उसके खाते की कई जानकारी थी। युवती वर्तमान में सेक्टर-40 के बी ब्लॉक में किराये का कमरा लेकर रह रही है। मुनाफे के लालच में आकर गवाए 57 लाख
ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर जालसाज़ ने रेलवे के एक अधिकारी के साथ 56 लाख 88 हजार रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की है। पुलिस उन खातों की जांच कर रही है, जिसमें ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है। मूल रूप से जम्मू कश्मीर की रहने वाले 56 साल के अनिल रैना ने बताया कि बीते दिनों स्टॉक मार्केटिंग और ट्रेडिंग को लेकर एक व्यक्ति का उनसे संपर्क हुआ। मुनाफे का लालच देकर उसने पैसे निवेश करा लिए पर कोई मुनाफा नहीं मिला। जब और पैसे निवेश करने का दबाव बनाया गया तब जाकर ठगी की जानकारी हुई। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात जालसाज़ के खिलाफ आईटी ऐक्ट और धोखाधड़ी की धारा में केस दर्ज किया है।