15 लाख रुपए कीमत का गोल्ड लोन का पैकेट चुराने वाली नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी की ब्रांच मैनेजर और उसके साथी को सेक्टर-20 थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में कंपनी के सहायक शाखा प्रबंधक की ओर से केस दर्ज कराया गया था। केस दर्ज करने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। आरोपियों की गिरफ्तारी सेक्टर-18 अंडर पास के नजदीक से हुई। सेक्टर-18 स्थित नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी के सहायक प्रबंधक ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी कंपनी गोल्ड लोन देती है। कंपनी की ब्रांच मैनेजर ज्योति शर्मा और उसके साथी पर 15 लाख रुपए का गोल्ड लोन का पैकेट चुराने का आरोप लगाया गया। कंपनी के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे में ज्योति कपड़े में सोने को छिपाते हुए दिखी थीं। स्टॉफ ने जब ज्योति को फुटेज दिखाई तो उसने अपनी गलती मान ली और सोना वापस करने का वादा किया। एक करोड़ सात लाख के गोल्ड का किया फर्जी वाड़ा
सोने का पैकेट वापस करने के बहाने ज्योति कंपनी के स्टेट हेड रवि सैनी और शिकायतकर्ता जितेंद्र निगम को एक अपार्टमैंट में ले गईं और दोनों को चकमा देकर वहां से फरार हो गईं। ज्योति के फरार होने के बाद जब ब्रांच पर रखे गोल्ड लोन के पैकेट का ऑडिट किया गया तब सामने आया कि ज्योति ने करीब एक करोड़ सात लाख रुपये के सोने का फर्जीवाड़ा किया है। शिकायतकर्ता को पहले से ही ज्योति के ऊपर शक था ऐसे में उसने इसकी जानकारी इमेल के माध्यम से सीनियर अधिकारियों को दे दी थी। चोरी के सोने पर ले लिया लोन
पुलिस ने इस मामले में ज्योति और उसके साथी नीलेश परशुराम शिंदे को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान सामने आया कि ज्योति जिस एनबीएफसी में मैनेजर थीं वहां से गोल्ड चोरी कर उसी पर लोन लिया जा रहा था। ये काम ज्योति और नीलेश मिलकर कर रहे थे। ज्योति लोन के बाद ऑफिस आए गोल्ड में कुछ हिस्सा चोरी किया जाता था। कुछ सोना इकट्ठा होने के बाद नीलेश और उसके परिवार के लोगों के नाम पर उसी गोल्ड पर लोन लिया जाता था। यह लोन 5 लाख रुपए तक का होता था। उसने करीब 20 लाख रुपए का लोन चोरी के गोल्ड से लिया है।