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पंचायत सहायकों ने सीडीओ को सौंपा ज्ञापन:बोले- 6 हजार मानदेय से नहीं होता घर का गुजारा, 26 से 30 हजार किया जाए मानदेय

संभल में जिला कलेक्ट्रेट बहजोई पर शनिवार को पंचायत सहायक कल्याण समिति ने मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट को जिलाधिकारी एवं मुख्यमंत्री के नाम संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन दिया, जिसमें पंचायत सहायकों के मानदेय वृद्धि एवं सेवा नियमावली बनाने की मांग की गई। पंचायत सहायक को वर्तमान में ₹6000 प्रतिमा मानदेय मिल रहा है जो की एक परिवार के भरण पोषण के लिए अपर्याप्त है, मनरेगा मजदूर को 237 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी प्राप्त करता है जबकि पंचायत सहायक कुशल कर्मी होने के बावजूद तकनीकी कार्यों को संपन्न करते हुए इतनी अल्प मानदेय में काम कर रहे हैं। पूर्ण कालिक नौकरी होने के कारण उनकी पढ़ाई भी बाधित है जिससे उनका भविष्य इसी नौकरी पर निर्भर हो गया है।ज्ञापन सौंपने वाले पंचायत सहायकों में पुष्पेंद्र कुमार, नीतू यादव, पिंकी यादव, रेखा, मौ. अफजल, प्रवेश कुमारी, जावेद अनिल, खुशबू आदि दर्जनों मौजूद रहें। रजनीश सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने के लिए लेटर दिया था। पंचायत सहायकों का जो मानदेय है आज की मजदूरी से भी बहुत कम है मनरेगा मजदूर लगाए जाते हैं उन्हें 237 रुपए का मानदेय दिया जाता है और हम अति कुशल श्रेणी में सहायक पंचायत आते हैं, जिनके लिए कम से कम 26910 रु का न्यूनतम मानदेय तो होना चाहिए। जब हम ग्राम पंचायत में काम करते हैं हमें अन्य ब्लॉक स्तर पर व तहसील स्तर पर बार-बार न बुलाया जाए, अगर अति आवश्यक तभी बुलाया जाए।अन्य विभागों के हमसे काम कराए जाएं तो हमारा सीनियर अधिकारियों द्वारा लेटर बनवा दिया जाए, उसके बाद ही हम अन्य विभाग का काम करेंगे। अंजू ने बताया कि समस्याओं से संबंधित हम लोग ज्ञापन देने आए हैं। हमारा मानदेय 5 से 6 हजार है यह बहुत कम है इसे बढ़ाने के लिए ज्ञापन दिया है। अभी फार्मा रजिस्ट्री का काम चल रहा है, उसमें यह कहा जा रहा है रात में साइड चलती है। रात में 12 तक 02 तक कम करो, हमारा काम दिन में है, तो हम रात में काम थोड़ी करेंगे। गांव के लोगों को बुला-बुलाकर जन सेवा केंद्र लेकर जाओ, जबकि यह काम हमारे विभाग का नहीं है।

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