प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 28 फरवरी को सुंदर नर्सरी दिल्ली में आयोजित जहान-ए-खुसरो 2025 के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। इस प्रतिष्ठित सूफी संगीत महोत्सव की रजत जयंती के अवसर पर पीएम मोदी की उपस्थिति से भारत की आध्यात्मिक समग्रता और सांस्कृतिक धरोहर को बल मिलेगा। महोत्सव के संस्थापक मुजफ्फर अली ने यह जानकारी लखनऊ में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी। 25 वर्षों की सांस्कृतिक यात्रा मुजफ्फर अली द्वारा स्थापित जहान-ए-खुसरो महोत्सव पिछले 25 वर्षों में दुनिया भर में 30 संस्करणों के साथ एक सांस्कृतिक आंदोलन बन चुका है। यह महोत्सव सूफी परंपराओं को पुनर्जीवित करने और रूमी, अमीर खुसरो, बाबा बुल्ले शाह, लल्लेश्वरी जैसे महान संतों की शिक्षाओं को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करने का कार्य कर रहा है। महोत्सव के संस्थापक मुजफ्फर अली ने बताया कि,”जहान-ए-खुसरो का जन्म संतों की वाणी और रहस्यवादियों की धुनों से हुआ था। 25 वर्षों से यह एक ऐसा मंच रहा है जहां संगीत, कविता और भक्ति का संगम होता है। इस महोत्सव के माध्यम से हम प्रेम और एकता के संदेश को फैलाते हैं।” 2025 महोत्सव: ‘विविधता में एकता’ इस वर्ष का महोत्सव “विविधता में एकता” विषय पर केंद्रित होगा। इसमें दुनिया भर के सूफी संगीतकार, कवि और कलाकार शामिल होंगे।इसके अलावा, महोत्सव में TEH बाज़ार नामक शिल्प प्रदर्शनी भी होगी। इसमें भारत के समृद्ध विरासत शिल्प, साहित्यिक चर्चाएं, फिल्म स्क्रीनिंग और सूफी-प्रेरित पाक कला का अनुभव प्रस्तुत किया जाएगा। ‘विकास भी, विरासत भी’ के दृष्टिकोण से मेल खाता यह आयोजन पीएम मोदी की उपस्थिति उनकी “विकास भी, विरासत भी” नीति को भी मजबूत करती है। इसमें भारत की प्रगति को आगे बढ़ाने के साथ-साथ उसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को संरक्षित रखने पर भी जोर दिया जाता है। जहान-ए-खुसरो महोत्सव वसुधैव कुटुंबकम के दृष्टिकोण को साकार करता है जो संगीत, प्रेम और आध्यात्मिक उत्कृष्टता के माध्यम से पूरी दुनिया को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य कर रहा है। पत्रकार वार्ता में नवनीत सहगल भी मौजूद पत्रकार वार्ता के दौरान प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल भी मौजूद रहे। सहगल की गिनती यूपी में तेज तर्रार अफसराें में होती थी। यूपी में चाहे उन्हें कोई भी विभाग दिया गया हो सभी में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। प्रसार भारती में अब वे बेहतर कार्य के लिए जाने जाते हैं। पीएम मोदी का संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा,”भारत आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति से समृद्ध भूमि है। संगीत हमारे सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है। सूफी संगीत की गूंज समाज और राष्ट्रों के बीच शांति, सद्भाव और मैत्री का सेतु बनाएगी। उन्होंने आशा जताई है कि जहान-ए-खुसरो का यह रजत जयंती संस्करण अविस्मरणीय और अत्यंत सफल रहेगा।”
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