पीलीभीत में धान खरीद का सीजन शुरू होने के बाद कुछ दिन तक तो मंडी में ठीक-ठाक धान की आवक देखी गई। अक्टूबर महीना खत्म होते ही पीलीभीत की मंडियों से किसानों का धान गायब होने लगा, लेकिन धान की आवक कम होते हो दलाल सक्रिय हो गए और जिले में यूपीएसएस के क्रय केंद्रों पर धान खरीद के आंकड़े दुगनी तेजी से बढ़ने लगे। 1 अक्टूबर से धान खरीद हुआ था शुरू पीलीभीत में 1 अक्टूबर से धान खरीद का सीजन शुरू हो गया था। पीलीभीत मंडी में आंकड़ों की बात करें तो यहां यूपीएसएस के क्रय केंद्र करीब 18 अक्टूबर से सक्रिय हुए थे, अक्टूबर महीने में जब पीलीभीत मंडी में धान की आवक बहुतायत में थी तो क्रय केंद्रों पर 20 कुंतल, 12 कुंतल, 14 कुंतल जैसे आंकड़ों में खरीद दिखाई जा रही थी। लेकिन नवंबर का महीना शुरू होते ही जिले की सभी मंडियों में किसानों का धान गायब हो गया। दलालों के सक्रिय होने पर किसानों की मुश्किलें बढ़ी मंडी में धान की आवक कम होते ही दलाल सक्रिय हो गए और राइस मिल में रखा अवैध स्टॉक सरकारी खरीद के रूप में दर्शाने का खेल शुरू हो गया। पूरनपुर, पीलीभीत और बीसलपुर मंडी में धान की आवक कम होते ही खरीद के आंकड़े तेजी पकड़ने लगे। अब प्रतिदिन हर क्रय केंद्र पर करीब 290 कुंतल खरीद रही है। बिना धान आए मंडी में लगी यूपीएसएस के क्रय केंद्रों पर हो रही जादुई खरीद को लेकर अब जिले की किसान उच्च अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं।