यति नरसिंहानंद की विश्व धर्म संसद आज हरिद्वार के जूना अखाड़े में शुरू हुई। इसमें देश के अलग-अलग स्थानों से महामंडलेश्वर व साधु संत शामिल हुए हैं। यह 19 दिसंबर से 21 दिसंबर तक होनी थी। लेकिन एक दिन पहले हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने किसी भी कीमत पर धर्म संसद नहीं होने दी। आज दूसरे दिन साधु संतों ने पहुंचकर धर्म संसद शुरू कर दी। 3 साल पहले यति नरसिंहानंद को हरिद्वार की धर्म संसद में हेट स्पीच के मामले में जेल जाना पड़ा था। धर्म संसद में साधु संतों ने मांग रखते हुए कहा जिहादियों से विहीन सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना
आज विश्व धर्म संसद के दूसरे दिन सभी भारत के अलग अलग प्रान्तों से उपस्थित हुए। जहां संतो और प्रबुद्ध नागरिकों ने एक स्वर में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं की रक्षा के लिये अविलम्ब सैन्य कार्यवाही करके बांग्लादेश व पाकिस्तान का बंटवारा करके हिंदुओं के लिये अलग राष्ट्र बनवाने की अपील की। उपस्थित जनसमुदाय ने समवेत स्वर में कहा कि अब नरेंद्र मोदी अगर स्वयं को अगर हिंदुओं का नेता मानते हैं तो उन्हें इसका प्रमाण देना होगा। अगर वो ऐसा नहीं करते तो यह हिन्दू समाज से विश्वाघात होगा। शुक्रवार को माया देवी मंदिर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रांगण में विश्व धर्म संसद के दूसरे दिन सभी वक्ताओं ने उत्तराखंड सरकार के भ्रष्ट,निरंकुश और धर्मविरोधी अधिकारियों के प्रति गहन आक्रोश व्यक्त किया। व्यवधान डालने वाले अधिकारियों के लिए
धर्म संसद से पहले आज भैरव घाट पर मां बगलामुखी व महादेव के महायज्ञ स्थल से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने महायज्ञ की पूर्णाहुति पर विश्व धर्म संसद में व्यवधान डालने वाले अधिकारियों और उनके राजनैतिक संरक्षकों के सर्वनाश के लिये नारियल समर्पित करने का संकल्प लिया।
उन्होंने विश्व धर्म संसद में देश के अलग अलग अलग स्थानों से आये हुए अपने साथियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम हिंदुओं की दुर्गति का सबसे बड़ा कारण हमारा अपना कोई देश ना होना है।अब विश्व धर्म संसद का सबसे प्रमुख लक्ष्य सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना रहेगा। एक भी मदरसा व एक भी जिहादी नहीं होगा
सनातन वैदिक राष्ट्र में एक भी मस्जिद, एक भी मदरसा और एक भी जिहादी नहीं होगा। सनातन वैदिक राष्ट्र सम्पूर्ण विश्व के प्रत्येक सनातनी का संरक्षण उसी तरह करेगा जैसे इजरायल प्रत्येक यहूदी का करता है। यदि हम सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना करने में असफल हो गए तो सनातन धर्म का विनाश कोई नहीं रोक सकेगा। अब दुनिया के हर हिन्दू को इस लक्ष्य के लिए कार्य करना चाहिए। अयोध्या से महंत राजू दास भी पहुंचे
विश्व धर्म संसद को संबोधित करते हुए अयोध्या हनुमान गढ़ी के श्रीमहंत राजू दास जी ने निरंकुश अधिकारियों द्वारा विश्व धर्म संसद रोके जाने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह सनातन धर्म के अपमान की पराकाष्ठा है। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के मुख्यालय में घुसकर विश्व धर्म संसद को उजाड़ना यह दर्शाता है कि अब सनातन धर्म अधिकारियों के लिये मजाक का विषय बन चुका है।उत्तराखंड देव भूमि है। यहां के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को इस घटना का संज्ञान लेकर इन निर्लज्ज अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। हमारे धर्म गुरु अपनी शक्ति को भूल गए
विश्व धर्म संसद को संबोधित करते हुए कालीचरण जी महाराज ने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे धर्मगुरु अपनी शक्ति को भूल गए हैं। उन्होंने स्वयं को राजनेता के समक्ष नतमस्तक कर लिया है। सत्य तो ये है कि सनातन धर्म का अस्तित्व तभी बच सकता है जबकि सनातन धर्म के धर्मगुरु धर्मसत्ता को राजसत्ता का अनुगामी नहीं बल्कि उसका मार्गदर्शक बनायेंगे। यह हुए शामिल
महंत राजूदास जी हनुमान गढ़ी अयोध्या, कालीचरण महाराज, श्रीमहंत महाकाल गिरी, श्रीमहंत सत्यानंद गिरी, साध्वी आस्था मां, आचार्य मानव, साध्वी निर्मला, यति परमात्मानंद गिरी, महंत अविराम दास, योगी सरोजनाथ, यति यतेंद्रानंद, यति कृष्णानंद गिरी, यति सत्यदेवानंद, आचार्य गिरधर स्वामी , स्वामी चन्द्र देव जी महाराज, जगतगुरू स्वामी अवधेश प्रपन्नाचार्य महाराज, यति निर्भयानंद गिरी, यति सत्यानंद गिरी, यति रणसिंहानंद गिरी, यति असीमानंद गिरी, यति अभयानंद गिरी, यति रामस्वरूपानंद गिरी व अन्य संत शामिल हुए।