पेंशन बढ़ोत्तरी के साथ राशिकरण कटौती को बंद करने को लेकर सेवानिवृत्त कर्मचारी व पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया। एसोसिएशन ने दो सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम को सौंपा। केंद्रीय पेंशन फोरम के महामंत्री आनंद अवस्थी ने अल्टीमेटम दिया कि अगर जल्द की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। एसोसिएशन अध्यक्ष बीएल गुलाबिया ने बताया कि सरकार पेंशनर्स से राशिकरण की कटौती 15 वर्षों तक करती है, जबकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सरकार ने 10 वर्ष 11 माह बाद कटौती को बंद कर दिया है। हाईकोर्ट ने भी 10 वर्ष 11 माह के बाद कटौती को स्थगित किए जाने का आदेश जारी किया है। 5 साल में हो पेंशन की बढ़ोत्तरी इसके बावजूद सरकार आदेश जारी न करके तमाम पेंशनर्स को कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को विवश कर रही है। सरकार 20 वर्षों के बाद 20 प्रतिशत पेंशन बढ़ोत्तरी करती है, जबकि इस दौरान 70 प्रतिशत पेंशनर्स यह लाभ प्राप्त नहीं कर पाते। इस दशा में प्रत्येक 5 साल में पेंशन बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए। वार्ता कर समस्याएं निस्तारित करें राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कमल अग्रवाल ने बताया कि सरकार पेंशनरों की समस्याओं पर विचार न करके पेंशनरों को सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर कर रही है। आज पूरे प्रदेश में पेंशनर्स आंदोलित है, सरकार को नैतिकता के आधार पर इनके प्रदेश नेताओं से बातचीत कर समस्याओं का निस्तारण करना चाहिए। प्रदर्शन में यह लोग रहे मौजूद इसके बाद एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम को सौंपा गया। प्रदर्शन के दौरान आरपी श्रीवास्तव, अशोक कुमार मिश्रा, कमल अग्रवाल, चंद्रहास सिंह चौहान, सुनील कुमार शुक्ला, ताराचंद, कृष्ण बहादुर सिंह, रवींद्र कुमार मधुर, शिवकुमार, स्नेहलता लाल, रामरानी कटियार मौजूद रहीं।