प्रयागराज के नए CMO (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डॉ. एके तिवारी ने रविवार को ही कार्यभार ग्रहण कर लिया था लेकिन आज सोमवार को उनके कामकाज का पहला दिन है। वहीं, यहां अभी तक CMO रहे डॉ. आशु पांडेय अब प्रयागराज मंडल में ही संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य) के पद पर तैनात किए गए हैं। नए सीएमओ डॉ. तिवारी के कामकाज शुरू करने के पहले “दैनिक भास्कर” से उनकी विशेष बातचीत हुई। प्रयागराज में स्वास्थ्य सुविधाओं को किस तरह से और बेहतर बनाएंगे? महाकुंभ को लेकर क्या फोकस होगा? सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सहूलियत के लिए क्या करेंगे? ऐसे तमाम सवालों पर उन्होंने जवाब दिया। सबसे पहले जानिए, प्रयागराज के नए CMO के बारे में
डॉ. एके तिवारी अभी तक प्रयागराज के जिला क्षय रोग अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। इसके पहले वह कई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षक भी रहे हैं और यहां लंबे समय से कार्य कर रहे हैं। डॉ. तिवारी पड़ोसी जनपद जौनपुर के रहने वाले हैं लेकिन उनकी ज्यादातर शिक्षा प्रयागराज से हुई है। वह GIC प्रयागराज से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई किए हैं। माेतीलाल नेहरू से MBBS और कानपुर से पीजी की पढ़ाई किए हैं। इनकी स्पेशलिटी पीडियाट्रिक है। आइए, जानते हैं नए सीएमओ डॉ. एके तिवारी ने क्या कुछ कहा… सवाल : आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
जवाब : मैं इस जनपद से भली भांति रूबरू हूं, प्रत्येक CHC-PHC व अन्य सभी स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में समझता हूं। मेरा प्रयास होगा कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले प्रत्येक मरीज को बेहतर इलाज मिले, ताकि उसे इधर-उधर चक्कर ना लगे। सवाल : अगले महीने से प्रयागराज में दुनिया का सबसे बड़ा महाकुंभ होने जा रहा है। आपकी प्लानिंग क्या होगी?
जवाब : AD हेल्थ के साथ मिलकर महाकुंभ पर फोकस हाेगा। इतनी बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु आएंगे और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित किसी तरह की असुविधा न होने पाए, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सवाल : शहर में ब्लड और प्लेटलेट के नाम पर अवैध व्यापार हो रहा है?
जवाब : प्रत्येक व्यक्ति को समझना होगा कि यदि उसके मरीज को ब्लड या प्लेटलेट की आवश्यकता तो वह सीधे हमारे ब्लड बैंकों से संपर्क करे ना कि किसी बिचौलिए या दलाल से। ब्लड बैंकों को भी निर्देश दिया जाएगा कि जो लोग प्लेटलेट या ब्लड लेने आ रहे हैं उनकी बकायदा लिस्टिंग की जाए और संदिग्ध लोगों की विधिवत जांच करके ही उन्हें प्लेटलेट उपलब्ध कराया जाए। सवाल : सरकारी अस्पतालों में अक्सर ऐसी शिकायतें आती हैं कि डॉक्टर OPD में समय से नहीं आते.. कैसे सुधार लाएंगे?
जवाब : गांव से लेकर मुख्यालय तक के प्रत्येक अस्पतालों के अधीक्षकों की यह जवाबदेही तय की जाएगी कि उनके अस्पताल में डॉक्टर समय से नहीं आते हैं तो उन्हें इसका जवाब देना होगा। क्योंकि मेरी प्राथमिकता है कि पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। सवाल : आपके सीएचसी, पीएचसी या अन्य सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में डॉक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं, इसे कैसे रोकेंगे?
जवाब : शासन का आदेश है कि सरकारी डॉक्टर्स प्राइवेट प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं। इस पर नजर रखी जाएगी। यदि शिकायत आती है तो इसकी जांच कराके उचित कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा। सवाल : बड़ी संख्या में जनपद में अवैध अस्पताल व डायग्नोस्टिक सेंटर संचालित हो रहे हैं। इस पर क्या अभियान चलाएंगे?
जवाब : विभाग की ओर से बीच-बीच में छापेमारी अभियान भी चलाया जाता है ताकि ऐसे अस्पतालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा सके। अवैध अस्पतालों को संचालित नहीं होने दिया जाएगा। मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।