Drishyamindia

फिरौती के लिए किया गया था लेखपाल का कत्ल:18 दिनों से लापता लेखपाल के शव के मिले अवशेष, सभी आरोपी गिरफ्तार

Advertisement

बरेली में लेखपाल की हत्या से सनसनी फैल गई है। 18 दिनों से लापता लेखपाल की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक फिरौती के लिए लेखपाल की हत्या को अंजाम दिया गया है। लेखपाल के शव के अवशेष रविवार को बरेली के कैंट थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में सुनसान इलाके में नाले में मिले। नाले के पास से लेखपाल की खोपड़ी का कंकाल और कुछ हड्डियां बरामद हुए। मौके से उनके कपड़े भी बरामद हुए है। खुलासे के लिए लगाई गई थी 4 टीमें लेखपाल की हत्या का खुलासा करते हुए एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि 27 नवंबर को लेखपाल के तहसील से घर न पहुंचने पर गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। परिजनों के कहने पर 9 दिसंबर को फरीदपुर से फतेहगंज पश्चिमी थाने पर विवेचना ट्रांसफर की गई। एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह के सुपरविजन में एसओजी, सर्विलांस टीम साइबर सेल और थाने की टीम ने रविवार को 34 साल के अवधेश उर्फ ओमवीर कश्यप निवासी कपूरपुर से पूछताछ करने पर इसकी निशानदेही पर थाना कैंट अंतर्गत नाले से शव के कुछ अवशेष बरामद हुए। आरोपी ने बताया कि यह लेखपाल मनीष कश्यप के बॉडी के अवशेष है। वही से मृतक के कपड़े भी बरामद किए गए है। अभियुक्त के घर से लेखपाल की इनकपैड, मोहर और कुछ अन्य वस्तुएं बरामद की गई है। घटना में प्रयुक्त अर्टिगा कार भी बरामद की गई है। शराब पीने के बहाने बुलाया, फिर गला दबाकर मार डाला एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस पूछताछ में ओमवीर ने बताया कि वो पिछले 6 महीने से लेखपाल को जानता था। लेखपाल।मनीष कश्यप से फोन पर बातचीत होती थी और कई बार मुलाकात भी हुई थी। इसी का फायदा उठाकर 27 तारीख को ओमवीर कश्यप और उसके फुफेरे साले सूरज कश्यप ने लेखपाल को कॉल करके शराब पीने के बहाने से फरीदपुर फाटक के पास बुलाया और अपनी अर्टिगा गाड़ी में बैठाकर उनको अत्यधिक शराब पिलाकर सूरज के मफलर से गला कसकर हत्या कर दी। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि घटना के पीछे इनका मकसद मृतक के परिजनों से पैसे वसूलना था। इस घटना में ओमवीर और सूरज के साथ-साथ ओमवीर की पत्नी के मामा नेत्रपाल कश्यप और ओमवीर के एक और अन्य रिश्तेदार नन्हे कश्यप की संलिप्तता प्रकाश में आई है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। 27 नवंबर से था लापता लेखपाल मनीष कश्यप फरीदपुर तहसील में तैनात थे। 27 नवंबर को जब लेखपाल लापता हो गए तो परिजनों ने फरीदपुर थाने में शिकायत की। परिजनों ने कुछ लोगों पर शक जताते हुए अपहरण की तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने उनकी तहरीर को फाड़ दिया। और सादे कागज पर लेखपाल की मां का अंगूठा लगवा कर गुमशुदगी दर्ज कर के पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिसके बाद परिजन लगातार थाने से लेकर डीएम और एसएसपी ऑफिस के चक्कर लगाते रहे। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। परिजनों ने कलेक्ट्रेट पर दिया था धरना 7 दिसंबर को लेखपाल मनीष कश्यप की पत्नी, बच्चे, मां और भाई के साथ अन्य रिश्तेदारों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। उस वक्त कलेक्ट्रेट में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके एडीजी रमित शर्मा, आईजी डॉ राकेश सिंह, कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, डीएम रविन्द्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य बाहर निकल रहे थे। तभी लेखपाल के परिजनों ने अफसरों की गाड़ियों को रोक लिया। एडीजी ने उन लोगों की समस्या को सुना और तुरंत एसएसपी अनुराग आर्य मुकदमा दर्ज कर लेखपाल को बरामद करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद एसएसपी ने 4 टीमों का गठन किया था। जिसके बाद रविवार को लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड का खुलासा हो गया। मनीष के शव के अभी कुछ अवशेष मिले है ऐसे में कुछ ऐसे सवाल जिनके जवाब आना अभी बाकी है। -अगर नाले से खोपड़ी बरामद हुई तो बाकी धड़ कहा है?
-अगर गला दबाकर लेखपाल को मारा गया तो फिर पूरी बॉडी क्यों नहीं मिली?
-लेखपाल के कपड़े एक जगह पर उसकी खोपड़ी से कुछ ही दूरी पर एक साथ कैसे मिले?
-अगर फिरौती चाहिए थी तो हत्या क्यों की?
18 दिनों में शव की ऐसी हालत कैसे हुई, कि -शव टुकड़ों टुकड़ों में बट गया?
-क्या जमीन घोटाले को दबाने के लिए पुलिस फिरौती की बात कर रही?
-पुलिस ने ये क्यों नहीं बताया कि जब खोपड़ी मिली तो बाकी धड़ कहा है?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

मध्य प्रदेश न्यूज़

यह भी पढ़े