जब पति-पत्नी के बीच दरारें बढ़ जाएं और परिवार भी दोनों के बीच की कटुता दूर करने में नाकाम हो जाए, तो पुलिस का परिवार परामर्श केंद्र दोनों पक्षों को समझाकर सुलह कराने का प्रयास करता है। कुछ ऐसा ही रविवार को हुआ, जब मिर्जापुर के परिवार परामर्श केंद्र ने 9 दंपतियों के बीच विवाद सुलझाने की पहल की, ताकि उनके रिश्तों में मिठास लौटे। प्रोजेक्ट मिलन के तहत परिवार परामर्श केंद्र में आयोजित इस काउंसलिंग सत्र में एक दंपति ने अपनी शादी के 12 साल बाद सामने आई समस्याओं को साझा किया। पत्नी का आरोप था कि पति ने फेसबुक पर असंवेदनशील और अपमानजनक शब्दों से भरे कई मैसेज पोस्ट किए थे, जिससे वह नाराज हो गई। इसके बाद मामला गहरा हुआ और पत्नी मायके चली गई, जिसके बाद परिवार परामर्श केंद्र ने हस्तक्षेप किया। विंध्याचल थाना क्षेत्र के इस दंपति का विवाह 12 साल पहले हुआ था, लेकिन संतान न होने के कारण अक्सर पत्नी को ताने सुनने पड़ते थे। इस वजह से पति-पत्नी के बीच दिन-प्रतिदिन की तकरार बढ़ गई। पति ने पत्नी पर सोशल मीडिया पर आरोप लगाना शुरू कर दिया, जिससे मामला और बिगड़ गया। डेढ़ साल से मायके रह रही पत्नी का मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा, जहां दोनों के बीच बातचीत के बाद उन्हें एक साथ रहने के फायदे समझाए गए। काउंसलिंग के बाद दोनों दंपति को लगा कि एक साथ रहकर ही उनका भविष्य बेहतर हो सकता है। परिवार परामर्श केंद्र में यह काउंसलिंग सत्र महिला उपनिरीक्षक रीता यादव, निरीक्षक शशि तिवारी, महिला मुख्य आरक्षी ममता तिवारी, महिला आरक्षी पिंकी और सुनीता देवी समेत अन्य सदस्य सुरेश जायसवाल, डॉ. कृष्णा सिंह, निर्मला राय और सलिल पांडेय की उपस्थिति में हुआ।