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बढ़ा तापमान गेहूं किसानों को खतरा:20 दिन पहले आया हीट स्ट्रोक प्रभावित करेगा गेहूं,जौ,चना, मंसूर की फसल,उत्पादन व गुणवत्ता बनाए रखना किसानों के लिए चुनौती

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मौसम के मिजाज़ ने इस बार अजीब तरह की करबट ली है। 15 फरवरी तक बढ़ने वाला तापमान इस बार जनवरी के अंत में ही बढ़ गया। मसलन गर्मी 20-25 दिन पहले आ गई है। यह कयी फसलों के चक्र को बिगाड़ने का संकेत है। इसके अलावा उपज और उत्पादन दोनों का प्रभावित होना तय है। गेहूं का जर्म प्लाज्म विंटर व्हीट है। गेहूं की अच्छी उपज हेतु कम से कम 60 दिन की भरपूर ठंड पड़ना आवश्यक है। 50 साल में नहीं देखा ऐसा ट्रेंड भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त विशेषज्ञ मथुरा के दिलीप कुमार यादव के अनुसार उन्होंने 50 साल में न तो इस तरह का ट्रेन्ड देखा न किसी से सुना। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा इसके बावजूद इस साल में हीट स्ट्रोक 15 फरवरी के करीब ही आया।
कृषि विज्ञान केन्द्र कुम्हेर राजस्थान के पूर्व प्रभारी डा अमर सिंह व कुम्हेर कृषि महाविद्यालय के पूर्व डीन डा उदयभान सिंह रबी सीजन की फसलों के उत्पादन, दानों का आकार एवं गुणवत्ता को बचाना किसानों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बता रहे हैं। सबसे ज्यादा गेहूं, जौ, चना व मसूर की फसल पर इसका दुष्प्रभाव होगा। क्या होगा गर्मी का असर मौसमी बदलाव लगातार हो रहा है। इसके चलते फसलों के बोने और काटने का समय बदलेगा। इससे हर बार फसलों में रिस्क फैक्टर बढ़ेगा। फसल के दानों का आकार अपरिपक्व रह जाएगा। गुणवत्ता खराब होगी। ठोस तत्व की कमी होगी। यानी गेहूं में पूर्व की तुलना में आटा, सूजी व मैदा कम निकलेगी। मिलों में विद्युत उपयोग बढ़ेगा। इससे लागत और कीमत दोनों बढ़ेंगी। किसान से लेकर आम उपभोक्ता तक सभी प्रभावित होंगे। कैसे हो सकता है बचाव हीट स्ट्रोक के प्रभाव को वैज्ञानिक शोध परिणामों के तौर तरीके अपना कर कुछ हद तक कम किया जा सकता है। विशेषज्ञ इसमें थायो यूरिया के दो बार छिड़काव की संस्तुति कर रहे हैं। इसकी एक किलोग्राम मात्रा को एक हजार लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इसके अलावा 2 किलोग्राम यूरिया को 100 लीटर पानी में घोलकर भी थाय़ यूरिया न मिले तो छिड़काव करें। इसमें यदि जिंक मिलानी हो तो 250 ग्राम यूरिया कम करके इतनी मात्रा में जिंक मिलाना ज्यादा लाभकारी होगा। सूक्ष्म पोषक तत्वों के मिश्रण वाला टॉनिक भी 500 एम एल यूरिया व जिंक के घोल में मिलाकर छिड़काव करें।

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