बलरामपुर जनपद में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार योजना के तहत निजी मान्यता प्राप्त प्रत्येक विद्यालयों में आरटीई के तहत चार से छह आयु वर्ग के बच्चों का आवेदन करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश बेसिक शिक्षाधिकारी ने परिषदीय स्कूलों के नोडल शिक्षकों को दिया है। इन सब का आवेदन चल रहा है। इसके माध्यम से गरीब वर्ग के बच्चों को भी निजी विद्यालयों में निशुल्क शिक्षा मिलेगी। जिसकी तैयारी व्यापक स्तर पर चल रही है। प्रथम चरण आवेदन की प्रक्रिया का आज अंतिम दिन है। चार चरणों में होगा दाखिला जनपद में इसके लिए निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार योजना के तहत अलभित समूह एवं दुर्बल वर्ग के बच्चों का कक्षा एक एवं प्री प्राइमरी में प्रवेश के लिए लॉटरी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन बेसिक शिक्षा विभाग के वेबसाइट पर मांगा गया है। जनपद में इस माध्यम से स्कूलों में दाखिला चार चरणों में होगा। बेसिक शिक्षा निदेशालय से ऑनलाइन आवेदन के लिए निर्धारित समय सारणी निर्गत की गई है। इनमें एक दिसंबर 2024 से 19 दिसंबर 2020 तक के ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। लॉटरी निकालने की तिथि 24 दिसंबर 2024 निर्धारित की गई है। स्कूलों में प्रवेश के लिए 27 दिसंबर 2024 की तिथि निर्धारित की गई है। दूसरा चरण एक जनवरी 2025 से 19 जनवरी 2025 तक आवेदन होगा। लॉटरी निकालने की तिथि 24 जनवरी 2025 एवं निजी स्कूलों में दाखिले के लिए 27 जनवरी 2025 तिथि निर्धारित की गई है। इसी क्रम में एक फरवरी 2025 से 19 फरवरी 2025 तक तीसरे चरण का आवेदन होगा। इन आवेदनों पर विचार एवं निर्णय 24 फरवरी 2025 को लिया जाएगा। इसके बाद चयनित छात्रों का मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में 27 फरवरी 2025 को दाखिला होगा। अंतिम चरण में आवेदन एक मार्च से 19 मार्च 2025 तक होगा। लॉटरी के माध्यम से होगा चयन आवेदन पत्र का मूल्यांकन एवं चयन प्रक्रिया लॉटरी के माध्यम से24 मार्च को होगी, जिसके बाद 27मार्च को स्कूलों में दाखिला होगा। इस पर बेसिक शिक्षा विभाग के सामुदायिक सहभागिता निरंकार पांडेय का कहना है कि आवेदन में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर प्रत्येक विकासखंड के ब्लॉक संसाधन केंद्र कार्यालय पर जाकर समाधान पा सकते है। गरीब परिवारों के लिए सुनहरा अवसर बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ल ने बताया कि यह योजना गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करती है। नोडल शिक्षक सभी विकासखंडों में यह सुनिश्चित करेंगे कि अधिकतम बच्चों को इस योजना का लाभ मिले।