हाथरस में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर वकीलों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2025 का विरोध किया। जिला बार एसोसिएशन के वकीलों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। तहसील सदर में रेवेन्यू बार एसोसिएशन के वकीलों ने नारेबाजी के साथ विरोध जताया। वकीलों की प्रमुख मांगों में अधिवक्ताओं और उनके परिवार के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का प्रावधान शामिल है। उन्होंने परिषदों में निर्वाचित सदस्यों के अतिरिक्त किसी को न जोड़ने और लोकतांत्रिक स्वरूप को बनाए रखने की मांग की। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने वकीलों के लिए 10 लाख रुपये का मेडिक्लेम और मृत्यु पर 10 लाख रुपये की बीमा राशि की मांग की है। रेगुलेशन तत्काल खत्म करने की मांग
इसके साथ ही पंजीकरण के समय ली जाने वाली 500 रुपये की स्टांप राशि को प्रादेशिक परिषदों को वापस करने की मांग की गई। वकीलों ने विधिक स्टांप की बिक्री से प्राप्त धनराशि का 2 प्रतिशत अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की मांग की। केरल सरकार पहले से ही यह व्यवस्था लागू कर चुकी है। वकीलों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित रेगुलेशन को तुरंत समाप्त करने की मांग की। तहसील सदर में भी अधिवक्ताओं की नारेबाजी…
रेवेन्यू बार एसोसिएशन ने इन सभी मांगों को लेकर एसडीएम सदर को ज्ञापन सौंपा। वकीलों का कहना है कि किसी प्रकार के संशोधन की आवश्यकता नहीं है, इसलिए वे एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2025 का पूर्ण रूप से विरोध करते हैं।