श्रावस्ती में एक शिक्षिका ने बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया है। गिलौला विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय भिठिया चिचड़ी में शिक्षिका नुसरत बानो जहां विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर अभिभावकों को बाल विवाह न करने के लिए जागरुक कर रही तो वही घर-घर पहुंच कर भी बाल विवाह के नुकसान बता रहीं हैं । नुसरत बानो ने कहा कि अभिभावकों के सहयोग से स्कूल में छात्र संख्या बढ़ी है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे किसी भी परिस्थिति में बच्चों की पढ़ाई न रोकें। उनका कहना था कि एक बालिका के शिक्षित होने से दो परिवारों में शिक्षा का प्रकाश फैलता है। शिक्षिका ने बताया कि 2010 में जब वह यहां आई थीं, तब उन्होंने एक बाल विवाह देखा था। जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो पता चला कि घर के बुजुर्गों का दबाव रहता है। इसके बाद उन्होंने बाल विवाह रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया। वहीं छात्र-छात्राओं समय परिवार के लोगों को शपथ दिलाई। इस दौरान ‘बाल विवाह मिटाना है, ज्ञान का दीप जलाना है’ और ‘पहले पढ़ाई फिर विदाई’ जैसे नारे लगाए गए। शिक्षिका ने कम उम्र में विवाह के दुष्परिणामों के बारे में भी विस्तार से बताया और कहा कि सरकार द्वारा तय की गई उम्र में ही विवाह करना चाहिए।
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