बिजनौर में वाहनों के चालान के निस्तारण में गबन का मामला सामने आया है। लगभग 4 लाख 29 हजार रुपए का गबन सामने आया है। यह मामला शहर कोतवाली में दर्ज किया गया है, जहां न्यायालय के अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन कोर्ट चार के पेशकार जयमोहन शर्मा की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, कोर्ट में वाहनों के चालान में हेराफेरी की गई थी, जो पुलिस द्वारा कोर्ट में निस्तारण के लिए भेजे गए थे। जांच में पता चला कि जब कोर्ट की पीठासीन अधिकारी जनवरी 2024 में तीन महीने के मातृत्व अवकाश पर गईं, तो लिपिक ने उनके फर्जी हस्ताक्षर करके 156 चालानों पर दस्तखत किए। इन चालानों की रकम वाहन स्वामियों से ली गई, लेकिन यह रकम कोर्ट में जमा नहीं की गई। जब पुलिस ने निस्तारण चालान और कोर्ट के फाइन रजिस्टर का मिलान किया, तो 512 चालानों का अंतर सामने आया। इसके बाद मामला पीठासीन अधिकारी के संज्ञान में आया और मंगलवार को रिपोर्ट दर्ज कराई गई। सीओ सिटी संग्राम सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच जारी है।