लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र के मामपुर बाना गांव में स्थित प्राचीन शिव मन्दिर में आयोजित छह दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन हुआ। कथा व्यास पूज्य प्रेममूर्ति रामानुजाचार्य जी महाराज के श्रीमुख से रसपान कर रहे श्रीकृष्ण भक्तों ने श्रीमद्भागवत कथा का आनन्द लिया। समापन दिवस पर कथा व्यास परमपूज्य प्रेममूर्ति रामानुजाचार्य जी महाराज ने अपने श्रीमुख से श्रीकृष्ण भक्त श्रोताओं को बताया कि इस कथा का एक अंश भी जीवन में उतार लेना तो समझ लीजिए जीवन सार्थक हो जाएगा। श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता अद्वितीय
उन्होंने कहा कि दाता एक राम भिखारी सारी दुनिया देने वाला कोई और है। वहीं, राजा परिक्षित जी, सुखदेव जी से कहते हैं, कि आप ने बहुत सी कथा सुनाई। अब ऐसी कथा सुनाएं जिससे मन गदगद हो जाए। तब प्रभु की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता अद्वितीय थी। कृष्ण सुदामा की सुनाई कहानी
द्वारिकाधीश ने बाल सखा सुदामा को उच्चाशन पर बैठाकर स्वयं जमीन पर बैठकर सुदामा के चरणों को धोकर अपना गर्व महसूस करते हैं। वहीं मौजूदा आधुनिक काल में यदि कोई व्यक्ति एक उच्च पद पर आसीन हो जाए तो वह अपने गरीब मित्रों को निम्न द्रष्टि से देखता है। यदि वह मित्र कहीं मिल जाए तो वह उसका अंतर्मन में यही होगा कि किसी तरह वह उस व्यक्ति से कैसे दूरी बनाए रखें। आयोजक अनिल सिंह ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर रविवार को भंडारा होगा।