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बृजेश शांडिल्य के गीतों ने लुभाया:आगरा में ताज महोत्सव में हुए कई कार्यक्रम, कवि सम्मेलन और प्रस्तुतियों ने बटोरी तालियां

आगरा में ताज महोत्सव में शनिवार को शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर सिंगर बृजेश शांडिल्य ने प्रस्तुति दी। दर्शकों ने उनके गानों का भरपूर आनंद लिया। सूरसदन में कवि सम्मेलन हुआ। मंडलीय पुष्प प्रदर्शनी भी शनिवार को ही शुरू हुई। सदर, आई लव सेल्फी प्वाइंट के अलावा ग्यारह सीढ़ी और बटेश्वर में भी कार्यक्रम हुए।
शिल्पग्राम के मुक्ताकाशीय मंच पर सबसे पहले हरिपदा मोहंता का छाऊ नृ्त्य हुआ। प्रो. जयंत खोत का महाकाल पर शास्त्रीय गायन, दीप शिखा गौरी का डेढ़िया लोक नृत्य, अपराजिता पटेल का शिव शक्ति कथक बैले, बिलाल अहमद शाह का कश्मीरी फोक नृत्य भी हुआ। हालांकि इन कार्यक्रमों में दर्शक नहीं थे। उसके बाद बृजेश शांडिल्य की परफॉर्मेंस शुरू हुई। जिसे देखने दर्शक पहुंचे, लेकिन संख्या सीमित थी। बृजेश ने एक के बाद एक कई गाने सुनाए। जिसमें चन्ना मेरेया, गर्म हवा दी उड़ी गुबारी, बोरिंग लम्हों को कर देंगे, मुझमें है स्वैग, मुश्किल है अपना मेल प्रिय के साथ ही हनुमान चालीसा भी सुनाया। लोगों ने उनके गानों को पसंद किया। कवियों को सुनने पहुंचे सैंकड़ों लोग
सूरसदन में हुए कवि सम्मेलन में कवियों को सुनने के लिए पूरी सीटें फुल रहीं। डॉ. हरिओम पवार ने सुनाया कि सत्य कलम की शक्तिपीठ है, राजधर्म पर बोलेगी। वर्तमान के अपराधों को समय तुला पर तोलेगी। डॉ. रुचि चतुर्वेदी ने सुनाया कि पुण्य चरणों की रज हो गया। भावनाओं का ध्वज हो गया।राधिका कृष्ण इक हो गए, प्रेम का नाम ब्रज हो गया। सुदीप भोला ने कहा कि पापा ने हैप्पी बड्डे पर मोबाइल दिलवाया था। ऑनलाइन हो गई पढ़ाई, किश्तों पर मंगवाया था। सुमित ओरछा ने राम से जोड़ते हुए कहा कि नैया को विपरीत धार के खेना खेना सिखलाया। राम का जीवन है जिसने बस देना-देना सिखलाया। डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने अपना परिचय कुछ इस तरह दिया कि आशुतोष हूं,अड़ जाता हूं।
मनु वैशाली के इस मुक्तक पर सब झूम उठे, उलझे उलझे हैं सुलझा लो, सिद्ध सरल हो जायेंगे। राजेश अग्रवाल ने अपनों से जुड़े रहने का बेहतर संदेश दिया। संचालन शशिकांत यादव ने किया। मुकेश मणिकांचन,डॉ. शुभम त्यागी को भी सराहा गया। शंभू शिखर के विशिष्ट और चुटीले अंदाज़ ने सबको लोटपोट कर दिया। गजेंद्र प्रियांशु, स्वयं श्रीवास्तव और गौरव चौहान ने भी सभागार को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कुमार ललित ने सुनाया कि लोग आते न हों, नेह नाते न हों, मैं वहां पर ठहरना नहीं चाहता। ग्यारह सीढ़ी पर हुआ कार्यक्रम
ग्यारह सीढ़ी पार्क में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य अतिथि व कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य, कमिश्नर शैलेंद्र कुमार सिंह , आईजी आगरा जोन दीपक कुमार, एडीए उपाध्यक्ष एम. अरुणमोली ने शुभारंभ किया। पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन द्वारा ताज के पार्श्व में ‘ताज ओ ताज’ कार्यक्रम के तहत हवेली संगीत और ग़ज़ल संध्या की शानदार प्रस्तुति दी गयी। सदर में हुई होली
रेनबो स्कूल की बालिकाओं ने समूह नृत्य राधा कृष्णा की भक्ति गीतों और ब्रज की होली थींम पर प्रस्तुतियां दीं। अनिका दत्ता ने कथक नृत्य किया। रूपेश मल्होत्रा ने गीत सुनाए। मेलोडियस बैंड के डॉ. आशीष त्रिपाठी ने ये शाम मस्तानी,मेरे सपनों की रानी,ओ मेरे दिल के चैन आदि गाने सुनाए।

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